दिवाली की रात हो जाएंगे अमीर बस पूजा में ये इस्तेमाल करना न भूलें

punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 11:19 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जैसे कि सब जानते हैं कि दिवाली का पर्व नज़दीक आ गया है जो इस महीने की 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म का ये प्रमुख न केवल भारत में बल्कि अन्य कई देशों में भी बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार की तैयारियां लगभग 1 महीने पहले ही शुरू हो जाती हैं लोग अपने घरों आदि में साफ़-सफ़ाई के बाद दिवाली के इस शुभ अवसर पर अपने घरों को रंग-रोगन करवाते हैं और इन्हें अच्छे से सजाते हैं ताकि इस दिन उनके घर में देवी लक्ष्मी का वास हो। परंतु बता दें कि इसके न केवल घर को साफ़-सुथरा रखने से बल्कि देवी लक्ष्मी की पूजा से ही घर के भंडार भरते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दिवाली के रात मां लक्ष्मी की विधि-विधान के अनुसार पूजा करना भी बहुत अनिवार्य है। अब ये तो बात को लगभग हर कोई जानता है लेकिन बहुत कम लोग हैं जिन्हें इनकी पूजा की सही विधि पता होती है। क्योंकि कहा जाता है अगर इनकी पूजा में कुछ खास चीज़ों का होना बहुत आवश्यक होता है। तो अगर आप भी चाहते हैं कि आप पर भी कि देवी लक्ष्मी की इस बार दिवाली पर भर-भर कर आप पर अपनी कृपा बरसाएं तो एक बार ज़रूर जान लें इस दिन की जाने वाली पूजा से जुड़ी खास बातें-
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दिवाली की रात मां लक्ष्मी की पूजा में कलावा, रोली, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र, फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश के लिए आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने के लिए शुद्ध आसन, हल्दी, अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन सामग्री का इस्तेमाल अवश्य करें।

देवी लक्ष्मी का पूजन शुरू करने से पहले चौकी को शुद्ध जल से धोकर उस पर रंगोली बनाएं और चौकी के चारों तरफ़ चार दीपक जला लें। इसके बाद जिस जगह पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने जा रहे हैं, वहां पर थोड़े चावल ज़रूर रख लें। इसके साथ ही बायीं तरफ़ भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करें।

अब आसन लगाकर उनके सामने बैठ जाएं और निम्न मंत्र से स्वयं को व आसन को शुद्ध कर लें।

ॐ अपवित्र : पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोऽपिवा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि :॥
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मंत्र जाप के दौरान स्वयं पर तथा आसन पर 3-3 बार कुशा व पुष्पादि से छीटें लगाएं।

फिर पुष्प, फल, सुपारी, पान, चांदी का सिक्का, नारियल (पानी वाला), मिठाई, मेवा, आदि सभी सामग्री थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर दीपावली पूजन के लिए संकल्प लें।

अब गजानंद की पूजा करें और और स्थापित सभी देवी-देवताओं का पूजन करें। कलश की स्थापना करें और मां लक्ष्मी का ध्यान करें। इस बात का खास ध्यान रखें कि इस दिन  मां लक्ष्मी को लाल वस्त्र अवश्य भेंट करें।
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Jyoti

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