Dharmik Concept: भारतीय संन्यासी का अनोखा त्याग
punjabkesari.in Wednesday, May 25, 2022 - 11:34 AM (IST)
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एक बार सान फ्रांसिस्को में शास्ता पर्वतीय चोटी तक पहुंचने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। युवा भारतीय संन्यासी स्वामी रामतीर्थ उन दिनों धर्म-प्रचारार्थ सान फ्रांसिस्को में थे।
स्वामी जी ने सोचा कि अमरीकी युवकों के साथ उन्हें भी इस पर्वतीय चोटी को देखने का अवसर मिल जाएगा। वह भी उन युवकों के साथ चोटी की ओर बढ़ चले। अत्यंत फुर्ती के साथ आगे बढ़ते-बढ़ते वह सबसे पहले चोटी पर पहुंच गए। अमरीकी निर्णायक मंडल ने उन्हें प्रथम घोषित कर दिया।
अमरीकी संस्था ने स्वामीजी को पुरस्कार देना चाहा। उन्होंने कहा, "मैं प्रतियोगी नहीं हूं, मैं तो केवल प्राकृतिक छटा देखने के उद्देश्य से युवकों के साथ चोटी की ओर बढ़ा था। इस पुरस्कार का अधिकारी मैं नहीं, वह अमरीकी युवक है जो मेरे बाद शास्ता चोटी पर पहुंचा है। मैं इस देश के हक पर डाका कैसे डाल सकता हूं।"
भारतीय संन्यासी के इस त्याग को देखकर सभी अमरीकी उनके समक्ष नतमस्तक हो उठे।
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