धनतेरस 2021: लोगों ने की खूब खरीदारी, गणेश-लक्ष्मी मूर्ति की हुई अधिक बिक्री
punjabkesari.in Wednesday, Nov 03, 2021 - 12:11 PM (IST)
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गुडग़ांव: दीपावली को 5 दिवसीय महापर्व कहा जाता है। प्रथम पर्व धनतेरस के रुप में मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। शहर के मुख्य सदर बाजार, मॉल्स, शोरुम में प्रात: से ही खरीददारों की भीड़ उमड़ती दिखाई दी, जोकि पूरे दिन चलती रही। लोगों ने अपनी सामर्थायनुसार सोने-चांदी के जेवरात व गणेश-लक्ष्मी जी की मूर्ति, बर्तन व उपहार आदि खरीदे। दीपावली पर घरों को सजाने के लिए भी लोग रंग-बिरंगी कागजों की लडिय़ां, मालाएं, खील-बतासे आदि खरीदते दिखाई दिए। सदर बाजार ही नहीं पूरा शहर यातायात जाम की समस्या से जूझता दिखाई दिया। वाहनों की लंबी कतारें सड़कों पर दिखाई दी।
पैदल चलने वालों को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। यातायात पुलिस को यातायात नियंत्रित करने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। लोगों ने घरों में साफ-सफाई कर धनतेरस के पर्व की तैयारियां की हुई थी। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि धनतेरस के दिन सायंकाल के समय घर के मुख्य द्वार पर यमराज के निमित्त एक पात्र में अनाज भरकर उसके ऊपर तेल का दीपक दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जलाने की व्यवस्था भी लोगों ने अपने घरों में की हुई थी। यह भी कहा जाता है कि जिस घर में यह पूजन होता है उस घर में कभी कोई अकाल मृत्यु नहीं होती।
नरक चतुर्दशी पर्व आज मनाया जाएगा धूमधाम से
दीपावली से एक दिन पूर्व यानि कि आज बुधवार को नरक चतुर्दशी का आयोजन लोगों द्वारा अपने घरों में किया जाएगा। इस पर्व को नर्क चतुर्दशी, नर्का पूजा और छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू शास्त्रों में इस दिन का बड़ा महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का संहार कर 16 हजार 100 कन्याओं को बंदी गृह से मुक्त कराया था। इस उपलक्ष्य में उस समय दीये जलाए गए थे। यह दिन बुराई पर सच्चाई की जीत के लिए भी जाना जाता है।
डा. मनोज शर्मा का कहना है कि प्रात: ही स्नान आदि कर श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना कर अपने परिजनों के सुखद भविष्य के लिए कामना करेंगे। इस स्नान को शुभ माना जाता है। पानी में तेल डालकर यमराज को तर्पण भी किया जाना चाहिए। सायं के समय घरों के बाहर दीये जलाने की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। मान्यता है कि दीये की रोशनी से पितरों के रास्ते का अंधेरा दूर हो जाता है। उनका कहना है कि दीपदान करने से यमराज खुश होते हैं। पापों की मुक्ति के साथ मृत्यु के भय से भी मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं इससे नरक जाने से बचा जा सकता है। श्रद्धालुओं द्वारा नरक चतुर्दशी पर हनुमान की पूजा-अर्चना भी की जाएगी। मान्यता है कि महाबली हनुमान जी ने आज ही के दिन जन्म लिया था।