देवउठनी एकादशी 2019: इन उपायों को करने से मिलेंगे ढेरों लाभ

punjabkesari.in Thursday, Nov 07, 2019 - 12:09 PM (IST)

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हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार सबसे प्रमुख व सबसे महत्वपूर्ण होता है। लेकिन उसके बाद देवउठनी एकादशी का पर्व ठीक उसी तरह बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन ही भगवान विष्णु अपने चार माह की योग निद्रा से जागते हैं और इस दिन ही तुलसी विवाह किया जाता है। इसके साथ ही सभी मांगिलक कार्यों की शुरूआत हो जाती है। इस साल ये दिन 8 नवंबर यानि कल पड़ रहा है। हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ उपायों के बारे में जिन्हें करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होगी। 
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व्रत में क्या करें
इस दिन भगवान विष्णु को जगाते समय दीपक अवश्य जलाना चाहिए और आपको सूर्योदय से पहले उठना चाहिए।

देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के नाम का कीर्तन भी करना चाहिए और विष्णु भगवान को घंटा बजाकर उठाना चाहिए।  

कहते हैं कि इस दिन निर्जल व्रत रखना चाहिए। लेकिन अगर किसी से संभंव न हो तो फलाहार भी कर सकता है।  

इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को और गाय को भोजन अवश्य कराएं। 
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व्रत में क्या न करें
देवउठनी एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि  अगला जन्म रेंगने वाली प्रजाति में मिलता है।

इस दिन हर तरह की लड़ाई-झगड़े से दूर रहना चाहिए और इस दिन किसी जीव को भी न मारें वरना आपको पाप का भागीदार बनना पड़ता है।

देवउठनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। 

जरूर करें तुलसी पूजन-
तुलसी के चारों तरफ स्तंभ बनाकर उस पर तोरण सजाएं और रंगोली से अष्टदल कमल बनाएं। शंख,चक्र और गाय के पैर बनाएं। साथ ही तुलसी के साथ आंवले का गमला भी लगाएं।
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दशाक्षरी मंत्र से तुलसी का आवाहन करें और घी का दीपक जलाएं। कम से कम 20 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें। तुलसी के चारों ओर दीपदान करें। 

देवउठनी एकादशी के दिन श्रीहरि को तुलसी चढ़ाना दस हज़ार गोदान के बराबर है। जिन दंपत्तियों के संतान नही है उनको तुलसी पाठ जरुर करना चाहिए।

ॐ श्री तुलस्यै विद्महे। 
विष्णु प्रियायै धीमहि। 
तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्।। 

तुलसी पूजन के समय इस मंत्र का जाप करें।


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