देवउठनी एकादशी 2019: नहीं रख सकते व्रत तो इन बातों का रखें खास ध्यान

punjabkesari.in Thursday, Nov 07, 2019 - 09:12 AM (IST)

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इस बात को तो सब जानते ही हैं कि भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और इसके साथ ही सभी शुभ कामों पर रोक लग जाती है। लेकिन कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को सारे शुभ कामों की शुरूआत फिर सो हो जाती है, जिसे देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। वैसे तो मान्यता है कि इस दिन व्रत करके भगवान को प्रसन्न किया जाता है। लेकिन जा लोग व्रत नही रख सकते हैं वे नीचे दिए गए कुछ नियमों का पालन अगर कर ले तो भी उसे भगवान की कृपा मिल जाती है। 
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इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन निर्जल या केवल जलीय पदार्थों पर उपवास रखना चाहिए। यदि उपवास नहीं रख रहे हैं तो इस दिन चावल, प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, बासी भोजन आदि बिलकुल न खाएं।

इस दिन भगवान विष्णु या अपने इष्ट-देव की उपासना करना चाहिए। इस दिन "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः "मंत्र का जाप करने से लाभ मिलता है। शालीग्राम के साथ तुलसी का आध्यात्मिक विवाह देव उठनी एकादशी को होता है। इस दिन तुलसी की पूजा का महत्व है। तुलसी दल अकाल मृत्यु से बचाता है।
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ऐसा माना जाता है कि कुंडली में चंद्रमा के कमजोर होने की स्थिति में जल और फल खाकर या निर्जल एकादशी का उपवास जरूर रखना चाहिए। व्यक्ति यदि सभी एकदशियों में उपवास रखता है तो उसका चंद्र सही होकर मानसिक स्थिति भी सुधर जाती है।
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इस दिन देवउठनी एकादशी की पौराणिक कथा को सुनना चाहिए। कथा सुनने या कहने से पुण्य की प्राप्ति होती है।


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