देव दीपावली 2019: देवी लक्ष्मी को खुश करना है तो करें इनका पूजन
punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2019 - 04:20 PM (IST)
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अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको बता चुके हैं हर साल दिवाली के 15 दिन बाद देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। जो इस वर्ष 12 नवंबर को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा व त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। बहुत कम लोग जानते होंगे असल में कार्तिक मास में कुल तीन दिवाली आती है, जिसमें से एक छोटी दिवाली इस माह के कृष्ण चतुर्दशी को दूसरी अमावस्या के दिन जिसे बड़ी दिवाली कहते हैं एवं तीसरी जो इस महीने की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली के रूप में मनाया जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इन तीनें पर खास उपाय आदि किए जाते हैं जिससे जातक की कई तरह की मनोकामनाएं पूरी होती है। आइए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले खास उपायों के बारे में साथ ही जानेंगे कि इसे मनाने के मुख्य कारण-
त्रिपुरारी पूर्णिमा: प्राचीन समय में कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर शिव जी ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था। इसके अलावा इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार भी लिया था। तथा कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन ही सिख गुरु नानकदेवजी का जन्म भी हुआ था।
देव दिवाली: देव दिवाली देवता मनाते हैं। मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी प्रसन्नता को दर्शाते हैं। इसीलिए इस दिन गंगा स्नान कर दीपदान का महत्व है। इस दिन दीपदान करने से लंबी आयु प्राप्त होती है।
इस दिन क्या करें:
पवित्र नदी में स्नान करें, स्नान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।
स्नान के बाद दीपदान, पूजा, आरती और दान करें।
इस दिन तुलसी की पूजा करें।
सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण करें।
शिवलिंग पर जल चढ़ाकर ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
हनुमान जी के सामने घी का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
गंगा के तट पर स्नान कर दीप जलाकर देवताओं से मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगें।
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से देवी लक्ष्मी सदा के लिए प्रसन्न हो जाती हैं। इसलिए इस दिन श्री हरि का पूजन करना बिल्कुल न भूलें।
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