Coronavirus: राहू ने फैलाया संक्रमणयुक्त कोरोना वायरस

punjabkesari.in Sunday, Mar 15, 2020 - 09:05 AM (IST)

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राहू के अद्र्ध नक्षत्र से बाहर आते ही वायरस की मौत होना तय
जालन्धर (धवन):
विश्वभर में कोरोना वायरस को लेकर हा-हाकार मची हुई है। चीन से शुरू हुए संक्रमणयुक्त कोरोना वायरस ने धीरे-धीरे विश्व के अधिकांश देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। ज्योतिषीय दृष्टि से अगर देखा जाए तो कहा जा रहा है कि राहू ने जब पिछले वर्ष सितम्बर-अक्तूबर महीने में अद्र्ध नक्षत्र में प्रवेश किया था तो उसी समय से ही संक्रमणयुक्त वायरस का जन्म हो गया था। इस नक्षत्र में राहू ने लगभग 5-6 महीने संचार किया। इस दौरान संक्रमण का प्रसार लगातार बढ़ता चला गया।
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भारत में जल्द काबू में आएगा पर विदेशों में सितम्बर तक वायरस का असर रहेगा
ज्योतिषी संजय चौधरी का मानना है कि 7 फरवरी को मंगल ने धनु राशि में प्रवेश किया तथा भारतीय लोगों में कोरोना वायरस का मनोवैज्ञानिक प्रभाव शुरू हो गया, क्योंकि यह राशि भारतीय कुंडली में 8वें घर में आती है। 23 मार्च को मंगल राशि बदलकर मकर में आएगा, जिससे राहत का मार्ग प्रशस्त होना शुरू हो जाएगा। इसी तरह से गोचर में जब बृहस्पति 30 मार्च को मकर राशि में प्रवेश करेगा, तो इस वायरस से संक्रमित रोगियों की गिनती में कमी आनी शुरू हो जाएगी, परन्तु चीन, ईरान, अमरीका तथा इटली जैसे देशों को सितम्बर 2020 तक कोरोना वायरस का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि केतू की धनु राशि में स्थिति सितम्बर महीने तक बनी रहेगी। इसका असर टोकियो ओलिम्पिक खेलों पर भी पड़ सकता है। बृहस्पति तथा शनि की भारत की कुंडली में नौंवे घर में युती भारतीय शेयर बाजार में स्थायित्व लाने में सहायक सिद्ध होगी। 
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मई तक भारत में कोरोना वायरस का रहेगा असर
इसी तरह से ज्योतिषी इंद्रजीत साहनी ने कहा कि मंगल जब धनु राशि में आए तो 26 फरवरी से काल सर्प योग बन गया। बुध गोचर में 29 मई को राहू से आगे निकल जाएगा, जिसके बाद काल सर्प योग का भी अंत हो जाएगा। 5 जून तथा 5 जुलाई को वाॢषक ग्रहण लगने हैं। वायरस का प्रकोप 26 दिसम्बर 2019 से बढऩा शुरू हुआ। उस समय धनु राशि बुरी तरह से 5 ग्रहों की चपेट में आई हुई थी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का असर 29 मई तक पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा तथा उसके बाद सकारात्मक नतीजे सामने आने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि 5 जून तथा 5 जुलाई लगने वाले 2 ग्रहणों से विश्व में कोई अन्य समस्या भी उभर कर सामने आ सकती है।
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इसी तरह से एक अन्य ज्योतिषी अमित कुरुमा सरस्वत पंडित ने लिखा है कि 8 मई 2020 तक ही कोरोना वायरस का असर देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अद्र्ध नक्षत्र में महाबली होकर बैठे राहू के मृत्यु स्थान पर गुरु, शनि और मंगल का गोचर होगा और राहू जनित जो भी पीड़ा सितम्बर 2019 से शुरू हुई वह समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि यद्यपि सम्पूर्ण विश्व शांति के लिए मंगल-शनि की युती सही नहीं है और कभी होती भी नहीं है परन्तु मंगल देव की तीव्र गति और साथ में नैसॢगक शुभ ग्रह गुरु हैं। अत: जो हा-हाकार मचनी चाहिए, जो त्रासदी व दुर्घटनाओं का दौर चलना, उतना भारी नहीं होगा। मंगल और राहू के युद्ध में से 10 में से 9 बार कोई नतीजा नहीं निकलता, क्योंकि दोनों महाबली हैं। ऐसा नारद संहिता में उल्लेखित है। 


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