गुजरात के इस मंदिर में होती है चौकीदार की पूजा, जानें इससे जुड़ी रोचक बातें
punjabkesari.in Wednesday, Jun 12, 2019 - 11:37 AM (IST)
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आजकल जब भी किसी के मुंह से अगर चौकीदार शब्द सुनते हैं तो भाजपा के नेताओं का नाम ज़हन में आने लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोकसभा चुनाव में BJP नेताओं ने इस शब्द का अधिक उपयोग किया था। घबराईए मत हम आपको पक्ष-विपक्ष की राजनीति से जुड़ी बातें नहीं बल्कि एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां चौकीदार की पूजा होती है। क्या आपको ये जानकर हैरानी हुई, हैरान होना लाज़मी भी है क्योंकि आज तक हम सब ने यही सुना है कि मंदिर में देवी-देवताओं की पूजा होती है। किसी मंदिर में चौकीदार की पूजा भी होती है। तो चलिए जानते हैं इस मंदिर के बारे में-
गुजरात के नर्मदा ज़िले में चौकीदारों को समर्पित देवदरवनिया चौकीदार मंदिर स्थित है, जहां सदियों से एक ‘चौकीदार’ की पूजा होती आ रही है। देदियापाड़ा स्थित देव मोगरा गांव के लोगों का कहना है कि देवदरवनिया चौकीदार सालों से उनके गांव की रक्षा कर रहे हैं। इन दिनों सभी पीएम मोदी के मुंह से चौकीदार शब्द बार-बार सुन रहे हैं। यहां तक की लोग अपने नाम के आगे चौकीदार लगार्व कर गभी महसूस कर रहे हैं, लेकिन देदियापाड़ा के लोग चौकीदार की भगवान के रूप में लंबे समय से पूजा कर रहे हैं।
इस देवी मंदिर के पास बना चौकीदार का मंदिर
यहां की प्रचलित लोक मान्यताओं के अनुसार, देवी पंडोरी ने नाराज़ होकर घर छोड़ दिया था। जिसके बाद राजा पंडादेव ने उनकी तलाश करनी शुरू कर दी। उनकी खोज करते-करते उन्होंने अपना वो देव मोगरा गांव में रूके। कहा जाता है कि इस वजह से ही यह जगह स्थानीय लोगों के लिए पूजनीय हो गई। जिसके बाद यहां पंडोरी माता का मंदिर बनवाया गया। बताया जाता इस ही मंदिर से कुछ दूरी पर देवदरवनिया चौकीदार के लिए भी एक प्रार्थना स्थल बनाया गया।
दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
कहते हैं देवदरवनिया चौकीदार, देवी और पूरी गांव की रक्षा करते हैं। यहां की मान्यता के अनुसार जो भी भक्त पंडोरी माता की पूजा करने आते हैं, उन्हें पहले चौकीदार मंदिर के दर्शन करने होते हैं। बता दें यहां न केवल गुजरात से ही बल्कि महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश से भी श्रद्धालु आते हैं।
चौकीदार को चढ़ाई जाती है शराब
इस चौकीदार मंदिर की सबसे खास और दिलचस्प बात ये है कि देवदरवनिया चौकीदार को प्रसाद के रूप में लोग देशी शराब चढ़ाते हैं। गौरतलब है वैसे गुजरात में शराब की बिक्री बैन है। लेकिन फिर भी इस मंदिर में उन्हें शराब ही चढ़ाई जाती है।
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