सोमवती अमावस्या पर करें इन मंत्रों का जप, मिलेगा अनुष्ठान के समान फल

punjabkesari.in Sunday, Jul 19, 2020 - 05:34 PM (IST)

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श्रावण माह के प्रांरभ से ही हम आपको इससे जड़ी तमाम जानकारी देते आ रहे हैं। बल्कि इस माह में आ रहे तमाम मुख्य त्यौहारों के बारे में भी बता रहे हैं। इसे बरकरार रखते हुए अब हम आपको बताने वाले हैं श्रावण माह में पड़ने वाली सबसे विशेष, सोमवती अमावस्या के बारे में। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन पावन नदियों में स्नान करने से बड़े बड़े यज्ञ व अनुष्ठान के समान फल मिलता है। मगर देश-दुनिया की मौज़ूदा स्थिति किसी से छिपी नहीं है। जी हां, कोरोना से जहां पूरी दुनिया जूझ रही है तो वहीं इसका पूरा-पूरा प्रभाव तमाम पर्वों व त्यौहारों आदि पर पड़ रहा है। अब इसकी वजह से प्रभावित हुआ है श्रावण माह में आने वाले सोमवती अमावस्या की। इस बार लोग चाहकर भी गंगा स्नान का लाभ नहीं उठा पाएगा, ऐसा बहुत से लोगो का मानना है परंतु बता दें आप घर बैठे भी इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जी हां, इसके लिए आपको ज्याद कुछ करने की आवश्यकता नहीं है बल्कि केवल आगे दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़कर इसे अच्छे से अपनाईए। 
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इतना तो सब जानते हैं कि हिंदू धर्म में आने वाली प्रत्येक अमावस्या का काफी महत्व है। इनमें से श्रावण मास में आने वाली अमावस्या का अधिक महत्व है। कहा जाता है इस दौरान सरोवर आदि के जल से सूर्य देव को अर्घ्य देने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। लेकिन यदि ऐसा कर पाना संभव न हो तो घर में ही गंगा जल का इस्तेमाल किया जा सकता है। मान्यता है इससे अमोघ फल प्रदान होता है। 
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इसके अालावा पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर तीर्थों का आह्वान करते हुए स्नान करना चाहिए। मान्यता है सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य देव नारायण की पूजा से जातक को गरीबी तथा दरिद्र्ता से छुटकारा मिलता है। साथ ही इस दिन 108 बार तुलसी माता का ध्यान करते हुए 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए। 
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इस मंत्र के जाप से पुण्य प्राप्ति के साथ-साथ भगवान का आशीर्वाद प्राप्तो होता है- 
॥ अयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांचीअवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेयाः सप्तैता मोक्ष दायिका॥
॥ गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा सिंधु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू॥


 


 


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Jyoti

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