Chanakya Niti: किसी भी जंग को जीतने के लिए जरूरी है ये चीज़

punjabkesari.in Thursday, Feb 04, 2021 - 02:12 PM (IST)

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Information is Power, आज कल के मार्डेन जमाने में ये वाक्य काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मगर आपको बता दें बेशक ये वाक्य प्रसिद्ध हुआ हो, मगर इस वाक्य को कई वर्ष पहले आचार्य चाणक्यने जाना था। न केवल जाना था बल्कि इसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल भी किया। इतिहास इस बात का प्रमाण है कि इन्होंने न सूचनाओं का सही तरह से इस्तेमाल करके ज्ञात इतिहास में सबसे अव्वल रहे। किंतु आज की युवा पीढ़ी चाहे इस वाक्य से अवगत हो लेकिन इसका उपयोग कैसे होना चाहिए इस बारे में शायद ही कोई जानता होगा। 

तो आइए जानते हैं कि चाणक्य की सूचना से जुड़ा एक प्रसंग- 
कहा जाता है आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में बिना किसी विशाल सैन्यशक्ति के सफलका पाई थी। छात्रों के दल को को सेना में बदलकर युद्ध में विजय पाई। असल में इसके पीछे उनकी सबसे बड़ी ताकत थी उनका सूचनाओं का सर्वोत्तम ढंग से इस्तेमाल करना थी। 

उन्होंने सूचनाओं को इस प्रकार प्रसारित करते थे कि वे लोगों को जो समझाना चाहते थे वो वहीं समझते थे। प्राचीन काल में उन्होंने अकेले मगध में सहस नागरिक की भांति रहकर धननंद के साम्राज्य के संबंध में महत्वपूर्ण सूचनाएं एकत्रित की, जिनके बल पर युद्ध करवाया गया तथा ग्रहयुद्ध में कम सैन्य होने के बावजूद धननंद को परास्त कर पाने में सफल हुए। 
तो उधर दूसरी ओर धननंद का पूरा गुप्तचर विभाग चाणक्य का बैकग्राउंड जानने के कारण उनके पीछे लग गया, परंतु आचार्य चाणक्य के बारे में कभी कोई महत्वपूर्ण सूचना नहीं जान सका। 
इस प्रसंग में बताई गई ये चाणक्य नीति सिखाती है कि सूचनाओं के आदान प्रदान में सदैव सतर्कता बरतनी चाहिए। किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए सबसे पहले उसके बारे में जुड़ी हर ज़रूरी सूचना होना चाहिए। 

आज के समय में भी सूचना को शक्ति माना जाता है। सूचना न मिलना उस बंद मुठ्ठी की तरह होता है  जिसके खुलने पर क्या सच बाहर आएगा, किसी को पता नहीं होता। कहने का मतलब ये है शिक्षा, ज्ञान और अनुभव का मूल सूचनाएं ही हैं। 
 


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Jyoti

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