समाज की हकीकत से होना चाहते हैं रूबरू तो जीवन में 3 जगह ज़रूर जाएं

punjabkesari.in Tuesday, Oct 06, 2020 - 04:21 PM (IST)

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आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में लगभग मुद्दे पर नीति दी है। जिसे मानने या अपनाने वाला व्यक्ति अपने जीवन में किसी प्रकार की ठोकर नहीं खाता। इनमें बारे में जितना वर्णन मिलता है उससे इनके ज्ञान के बारे में अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल नहीं है। तो वहीं इनके ज्ञान का अनुमान वहां से भी लगाया जा सकता है कि इन्होंने चंद्रगुप्त को अपने ज्ञान के राह पर चलने को कहा जिसके बाद उन्होनें अपने जीवन का हर ज़रूरी फैसला इनके ज्ञान और इनकी नीति पर छोड़ दिया यानि इनके अनुसार ही हर काम को संपन्न किया जिसका नतीजा ये हुआ कि चंद्रगुप्त मौर्य वंश के सम्राट बन गए।
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आज भी हम आपको इनकी कुछ ऐसी नीतियों के बारे में बताने वाले हैं जिसमें चाणक्य ने बताया है कि किसी भी व्यक्ति को समाज की सच्चाई को समझने के लिए किन्हीं जगहों पर जाना चाहिए। चाणक्य का मानना है कोई भी व्यक्ति घर बैठे समाज की सच्चाई को नहीं जान सकता है। समाज की गहराई को समझना के लिए इसमें शामिल होना बहुत अनिवार्य होता है। आईए बिल्कुल भी देर न करते हुए आपको बताते हैं चाणक्य द्वारा बताई गई उन तीन बातों के बारे में-


सबसे पहले चाणक्य कहते हैं प्रत्येक व्यक्ति को समाज की हकीकत से रूबरू होने के लिए एक बार अपने जीवन में श्मशान ज़रूर जाना चाहिए। अक्सर देखा जाता है जब तक कोई इंसान जीवित होता है तब तक ही उसके रिश्तेदार, दोस्त आदि उसका साथ देता है। जैसे ही व्यक्ति प्राण त्याग देता है तो लोग उससे सभी तरह के दुनियावी रिश्ते खत्म कर देते हैं। बल्कि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने किसी चाहने वाले के अंतिम संस्कार के दौरान श्मशान भूमि में शामिल नहीं होते। परंत चाणक्य का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक बार यहां जरूर जाना चाहिए क्योंकि कहा जाता है ये एकमात्र ऐसी जगह होती है जहां पहुंचकर प्रत्येक व्यक्ति को इस बात का एहसास होता है कि एक दिन हर किसी को अपने जिंदगी के सभी रिश्ते नाते तोड़कर यही आना है।
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इसके बाद चाणक्य ने बताना चाहा है कि जिस व्यक्ति को अपने अंदर समाज के प्रति गहरी सोच पैदा करनी हो, उसे अपने जीवन में कम से कम एक बार न्यायालय ज़रूर जाना चाहिए। क्योंकि इस जगहप पर निरंतर लोगों के बनते-बिगड़ते विश्वास के किस्से सुनने को मिलते हैं। चाणक्य के अनुसार यहां जाने से प्रत्येक इंसान को ये पता चलता है कि जिन लोगों पर एक इंसान अधिक विश्वास करता है वहीं उनके साथ धोखा करते हुए विश्ववासघात करता है। इसका अर्थात ये हुआ कि यहां से समाज की सच्चाई को बड़े आराम से परखा जा सकता है।
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आखिर में चाणक्य कहते हैं जीवन भर साथ निभाने वाले लोग किसी आपके किसी बीमारी से ग्रस्ति हो जाने पर वे लोग आप से दूर भागने लगते हैं। जब तक कोई भी व्यक्ति स्वस्थ होता है, उसे किसी के सहारे की ज़रूरत होती है, जैसे ही उसका शरीर उसका साथ देना छोड़ देता है तो उसे किसी खास की आवश्यकता होती है, तब उसका कोई अपना साथ नहीं देना चाहता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को एक बार अस्पताल में जाकर समय ज़रूर गुज़ारना चाहिए ताकि रिश्तों नातों की सच्चाई पता चल सके।
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Jyoti

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