भौम प्रदोष में करें इस मंत्र का जाप और पाएं भगवान शिव से आशीर्वाद

punjabkesari.in Tuesday, Jan 26, 2021 - 02:10 PM (IST)

त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है और आज भौम प्रदोष व्रत हैं। कहते हैं कि इस दिन व्रत करने वाले को भोलेनाथ के साथ माता पार्वती का आशीर्वाद भी मिलता है। जैसे कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है कि इसकी पूजा शाम के समय होती है। यानि शाम के समय माता पार्वती व भगवान शिव की आराधना की जाती है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि के दिन को भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि जो लोग नि:संतान हैं, उन लोगों को प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। भगवान शिव के आशीर्वाद से उनको संतान की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, दरिद्रता और दुखों का भी नाश हो जाता है। चलिए आगे जानते है इस दिन जाप किए जाने वाले मंत्र व पूजा के बारे में-
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पूजा​ विधि-
आज सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर भगवान शिव ध्यान करके हाथों में जल और पुष्प लेकर भौम प्रदोष व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव की दैनिक पूजा करें। दिनभर फलाहार करते हुए भगवान शिव भजन-कीर्तन करें। फिर शाम को प्रदोष काल की पूजा के लिए स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें। अब प्रदोष पूजा मुहूर्त में भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करें।
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सबसे पहले पूजा स्थान पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके आसन ग्रहण करें। फिर पूजा के लिए भगवान शिव की तस्वीर या प्रतिमा एक चौकी पर स्थापित कर दें। अब गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करें। उनको भांग, धतूरा, सफेद चंदन, फल, फूल, अक्षत्, गाय का दूध, धूप आदि चढ़ाएं। भूलकर भी सिंदूर और तुलसी का पत्ता भोलेनाथ को अर्पित न करें। ऐसा करने से वे नाराज हो जाएंगे। पूजा के दौरान पूजा सामग्री उनको अर्पित करते समय “ओम नम: शिवाय” मंत्र का जाप करें। इसके पश्चात शिव चालीसा का पाठ करें तथा भगवान शिव की आरती से पूजा का समापन करें। अंत में महादेव के समक्ष अपनी मनोकामना प्रकट कर दें। प्रसाद वितरण के बाद रात्रि जागरण करें और चतुर्दशी को सुबह पारण कर व्रत को पूर्ण करें। भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूर्ण करने का निवेदन कर लें।

 


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