Smile please: ‘दैनिक जीवन’ में इन्हें अपनाएं और निरोगी बन जाएं
punjabkesari.in Monday, Jul 26, 2021 - 12:11 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Anmol Vachan: दैनिक जीवन की सभी छोटी-बड़ी प्रवृत्ति सावधानीपूर्वक करें। ‘आत्मन: प्रतिकूलानि परेषां न समाचरेत्’ इस प्राचीन सूत्र के अनुसार ऐसा कोई भी आचरण न करें जो दूसरों के लिए प्रतिकूल हो।
विद्यार्थी जीवन में निजी मोबाइल न रखें क्योंकि विद्यार्थी द्वारा मोबाइल का उपयोग नहीं करना उनके लक्ष्य प्राप्ति में बहुत श्रेयस्कर है। मोबाइल रखने वाले विद्यार्थी का मन कई संबंधों को बनाने में लग जाता है जो अनावश्यक समय व्यर्थ करते हैं। इनसे मन की चंचलता भी बढ़ती है।
व्यर्थ में बिजली खर्च न हो, इसका ध्यान रखें।
घर के सामने कूड़ा-कचरा न फैंके।
नहाने-धोने में कम से कम जल का उपयोग करें।
पर्यावरण को दूषित न करें।
ऊपर की मंजिल पर खड़े होकर नीचे न थूकें। वाहन में बैठ कर बाहर न थूकें। चलते हुए रास्ते में न थूकें।
वाहन से चलते हुए सड़क के नियमों का उल्लंघन न करें। यह आदत आपकी और दूसरों की रक्षा करेगी।
किसी की वस्तु छूट जाने पर या पड़ी हुई मिल जाने पर उसे न उठाएं। यदि आपको पता चल जाए कि किस व्यक्ति की वह वस्तु छूटी है, तो इसके बारे में जानकारी उस तक पहुंचाने का प्रयास करें।
अपने गुरुजनों और परिवारजनों को क्रोध में उत्तर न दें, नहीं तो बाद में पछताना पड़ेगा।
पति-पत्नी एक-दूसरे के अलावा किसी अन्य से संबंध की इच्छा न करें, न उनके साथ घूमें और न ही मनोरंजन के लिए समय व्यतीत करें।
साबुन, तेल, क्रीम, ब्रश, टूथपेस्ट, नेल पॉलिश, लिपस्टिक, पाऊडर, कपड़े, जूते और अन्य रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाली चीजों को प्रयोग में लाने से पहले एक मिनट उस वस्तु को लेकर देखें कि कहीं इसमें किसी प्राणी की चीख तो नहीं छिपी है।
टी.वी. देखते समय पारिवारिक मर्यादा का ख्याल रखें।
ऐसी वस्तु का ही प्रयोग करें जिससे प्लास्टिक का कचरा न बढ़े।