अनमोल वचन: खुद से बड़ा उद्देश्य चुनें
punjabkesari.in Monday, Nov 15, 2021 - 01:25 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
मनुष्य ज्ञान प्राप्त होने पर बुराइयों से पिंड छुड़ा सकता है। जब तक त्रुटियों से सजग नहीं होता, तब तक कल्याण होना असंभव है। सच्चे हृदय से हम जब परस्पर प्रायश्चित करते हैं, तब समझ लेना चाहिए कि अब हम मानव से महामानव बनने की तरफ चल पड़े हैं। —जवाहर लाल ओसवाल
हम चूहे नहीं हैं। जीवन में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए हमें अपनी ताकत पहचाननी होगी। उन पर फोकस करना होगा। वापसी के लिए हमें उस ताकत को और बेहतर बनाने के साथ खुद को प्रशिक्षित करना होगा। —एन.रघुरामन
नेपोलियन हिल कहते थे भावनात्मक अभिव्यक्तियों से मिश्रित विचार एक चुम्बकीय बल का निर्माण करते हैं। हर रोज कम से कम 10 मिनट के मौन-एकांत तथा शांति का अनुभव लें। खुद से बड़ा उद्देश्य चुनें। आप उन जैसे ही होते हैं जिनके साथ चाय पीते हैं। —रॉबिन शर्मा (लेखक)
बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज भी महिला सशक्तिकरण में हम हजारों वर्ष पीछे हैं। समानता का दर्जा अभी तक नहीं मिला। महिलाएं आज भी समाज में प्रताडि़त होती हैं। भगवान ऋषभ देव जी ने फरमाया था कि स्त्री के कारण ही जीवन की उत्पत्ति हुई। आज भी जननी का जीवन शोषण से भरा है। —मुनि विनय कुमार आलोक
अब अधिक उठा-पटक न करें। यदि बौना बनना पड़े तो बन जाएं। आय, घर खर्च, घर के सदस्यों की मानसिकता, रिश्तों का हमेशा ध्यान रखें। बाहर हमारा दबदबा होता है, घर में दबाव होता है। बाहर शोहरत, घर में शांति। बाहर तेवर चल सकते हैं, घर में प्रेम काम आता है। —विजय शंकर