Smile please: ऐसे परिवारों में सुख-समृद्धि बनी रहती है

punjabkesari.in Monday, Oct 19, 2020 - 08:20 AM (IST)

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भगवान ने जटायु को रोते हुए अपनी गोद में लेकर कहा जटायु तूने जो कर्म किया है सीता की रक्षा में अपने प्राणों की बाजी लगा दी है बोल मैं तुम्हें क्या दूं? जटायु बोले देना ही चाहते हैं तो मुझे प्रभु जी अपने श्री निजधाम में पहुंचा दें। —राम दिनेश आचार्य

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जब भी बोलो रिस्पैक्ट से बोलो। जब भी बोलो प्रेम से बोलो। मिठास से बोलो। रावण ने बोलने के कारण अपने भाई विभीषण को अपना दुश्मन बना लिया। प्रभु श्री राम जी को बोलने का ढंग आता था। दुश्मन के भाई विभीषण को अपना मित्र बना लिया। —राष्ट्र संत चंद्र प्रभ

भगवान श्री महावीर जी का पहला शब्द है विनय। सबको सम्मान देना सीखो। प्रात: उठने पर अपने माता-पिता, दादी-दादा जी को प्रणाम करो। सबके साथ प्रेम प्यार से मिल कर रहो। घर में काम करने वाली बाई का भी सम्मान करो। पति, पत्नी आपस में एक-दूसरे को सम्मान दें। —राष्ट्र संत चंद्र प्रभ

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गौमाता हमें जीवन मरण से मोक्ष दिलाती है। गौ माता हमारा भाग्य भी बदल देती है। गौ माता की सेवा करने वाले पर कभी मुसीबतें नहीं आतीं। ऐसे परिवारों में सुख-समृद्धि बनी रहती है। गौमाता अपने सेवक को दुखी नहीं देख सकती। —स्वामी कृष्णानंद

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रिश्तों का बने रहना हमारी खुशनसीबी है। टूट जाना बदनसीबी है। परिवार को यदि एक देह मान लें तो रिश्ते उसका आभूषण हैं। रिश्तों की बात हो तो (राखी) की याद आती है। रिश्तों को आत्मा से जोड़ें। हनुमान जी रिश्तों को निभाने वाले देवता माने गए हैं। चुनौती के इस दौर में रिश्ते हमारे जीवन में खुशियां भर देते हैं। —विजय शंकर

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व्रत, उपवास करने वाले व्यक्ति को तपस्वी कहते हैं। वह लक्ष्य के सामने कष्टों को कुछ नहीं समझता। उत्तम व्यक्ति विघ्न बाधाओं की परवाह न करते हुए आरंभ किए कार्य को पूर्ण करके ही छोड़ता है। बंधुओं, कमजोरी व मजबूरी का नाम व्रत नहीं। संयम-सादगी, बहादुर का नाम व्रत है। —सुभाष शास्त्री

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Niyati Bhandari

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