अश्विन मास के ये दिन होते हैं अधिक शुभ, आप भी उठाएं इनका फायदा

punjabkesari.in Tuesday, Sep 22, 2020 - 02:44 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अग्रंजी कैलेंडर के मुताबिक तो ये सितंबर का मास चल रहा है, मगर हिंदू धर्म के कैलेंडर की बात करें इसके अनुसार अश्विन मास चल रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक मास का अपना अलग महत्व है। इन्हीं में से एक आता है अश्विन मास। इस साल में ये पावन मास अधिक मास के साथ जुड़ गया है। जिसके चलते इसका महत्व अधिक बढ़ गया है। ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है कि कई वर्षों के बाद अश्विन संयोग बना है जब अश्विन मास के दौरान अधिक मास पढ़ गया है। बता दें इस मास में तमाम तरह के शुभ कार्य करने वर्जित होते हैं, जैसे शादी, नए घर-दुकान आदि का मुहूर्त। शास्त्रों में इसे पुरुषोत्म मास के नाम से भी जाना जाता है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे मास में इनकी पूजा आदि के अलावा अन्य कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। मगर कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो ये समझते हैं कि इस दौरान पूजा आदि भी नहीं की जाती। तो बता दें ऐसा नहीं है कि बल्कि अधिक मास में भगवान विष्णु के अलावा उनके इष्ट भगवान शिव की भी पूजा की जाने का विधान है। तो चलिए आपको बताते हैं इस मास में कौन से ऐसे अन्य कार्य जिन्हें करने से जातक को सर्वाधिक लाभ की प्राप्ति होती है। 
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धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जो व्यक्ति अधिक मास जिसे पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है उसमें शिव जी की अराधना करता है, उसे इस अराधना का दस गुणा अधिक फल प्राप्त होता है। कहा जाता है लड़कियों को इस मास में खास तौर पर भगवान शंकर का व्रत भी करना चाहिए। 

इसके अलावा इस मास में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से भी कई तरह की परेशानियां का जीवन में से अंत होता है। यूं तो भोलेनाथ का दिन शास्त्रों में सोमवार बताया गया है मगर चूंकि भगवान शंकर शनि देव के गुरु कहलाते हैं इसलिए इस मास के शनिवार को मुख्य रूप से इनका रुद्राभिषेक करना चाहिए। मान्यता है इस उपाय से जातक की कुंडली में मौज़ूद प्रत्येक ग्रह अनुकूल हो जाता है। साथ ही साथ जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। 

अधिक मास के बुधवार की बात करें तो प्रत्येक मास में आने वाले बुधवार की तरह इस दिन सर्वप्रथम पूजे जाने वाले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा पद्मपुराण में अधिक मास में आने वाले गुरुवार को लेकर पद्यपुराण के कहा गया है कि अधिक मास में विशेष पूजा करने से जीवन में धन-धान्य तथा सुख-समृद्धि की कमी नहीं आती।  
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इन सब के अलावा क्योंकि इस मास में पद्मिनी एकादशी का व्रत आता है, तो ऐसे में भगवान विष्णु की पूजा करना अधिक लाभदायक माना जाता है। धार्मिक मान्यताएं हैं कि इस दिन के साथ-साथ इस पूरे मास में श्री हरि की पूजा करनी चाहिए। बता दें इस बार ये व्रत 27 सितंबर को पड़ रहा है। 

बता दें सनातन धर्म से जुड़े ग्रंथों में वर्णन किया गया है इस मास में आने वाली यह दूसरी एकादशी को परम एकादशी के नाम से जाना जाता है,  जो  पद्मिनी एकादशी के बाद आती है। इसका व्रत आदि करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। जानकारी के लिए बता दें इस बार ये 13 अक्टूबर को मनाई जा रही है। 

ज्योतिष शास्त्री बताते हैं कि इस मास में भगवान विष्णु की स्तुति करना सबसे अच्छा माना जाता है। तो वहीं जो जातक इनके सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करता है उसकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह मज़बूत होता है। साथ ही साथ इस दौरान सत्यनारायण की कथा सुनना या पढ़ना भी अत्यधिक लाभदायक होता है।
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Jyoti

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