शुक्र नीति के अनुसार, स्त्री हो या पुरुष दोनों को सदैव गुप्त रखनी चाहिए ये बातें

punjabkesari.in Tuesday, Jan 02, 2018 - 02:29 PM (IST)

शुक्राचार्य यद्दपि असुरों के गुरु है , किंतु ये भगवान के अनन्य भक्त हैं। ये योगविद्या के आचार्य है और इनकी शुक्रनीति बहुत प्रसिद्ध है। इनकी द्वारा लिखित नीतियां व्यक्ति को जीवन में सफलता की सीढियां चढ़ने में बहुत सहायता करती हैं। तो आइए जानते हैं वह कुछ एेसे बातें जिन्हें शुक्राचार्य के अनुसार गुप्त रखना चाहिए।


शुक्र नीति के अनुसार आपके पास कितना भी धन हो या बिल्कुल भी नहीं हो किसी को भी इसका अंदाजा नहीं होना चाहिए। यह बात को रिश्तेदारों से भी गुप्त रखना चाहिए। 


अगर कहीं आपका अपमान हो गया है तो आप उसे खुद तक ही सीमित रखें यदि आप इस बात को लोगों को बताएंगे तो यह और फैलेगी और पर इससे आप एक तरफ जहां मजाक का पात्र बनेंगे तो वहीं दूसरी तरफ आप लोगों में अपना सम्मान भी खो देंगे। 


शुक्रनीति के मुताबिक आप यदि पूजा-पाठ करते हैं तो इस दौरान उपयोग में लाए गए मंत्रों का जिक्र किसी से भी ना करें। शास्त्रों में पूजा पाठ के दौरान किए गए मंत्रों के उच्चारण की जानकारी किसी को भी नहीं होनी चाहिए आप कौन से मंत्र उपयोग में लाते हैं। क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं तो इसका कोई भी लाभ नहीं मिलता।


अगर आपको कभी भी अपने उम्र नहीं बतानी चाहिए इससे भी कई नुकसान होते हैं यदि आप किसी को अपनी उम्र बताते हैं तो इसका गलत फायदा भी उठाया जा सकता है। 


यदि आप किसी ग्रह याद दशा से परेशान है और इससे छुटकारा पाने के लिए आप काम कर रहे हैं या टोना-टोटका कर रहे हैं तो इसकी जानकारी किसी को भी न होने दें ऐसे में वह टोना टोटका काम नहीं करता।


किसी भी बीमारी के उपचार दौरान अगर इसकी जानकारी किसी को देते हैं तो ये भी शुक्र नीति के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता। 

 

पुरुष को अपनी पत्नी के साथ गुजारे निजी पलों को भी किसी के साथ सांझा नहीं करना चाहिए। कई लोग इसे अपने मित्रों के साथ बैठकर सांझा कर देती हैं लेकिन एेसा करने से आपके घर की मर्यादा भंग होती है और इसके कई नुकसान भी होते हैं।

 

शुक्राचार्य कहते हैं कि इंसान को इस तरह से दान करना चाहिए कि अपने दूसरे हाथ को भी पता न चले। आजकल ऐसे-ऐसे दानवीर हैं जो जरूरतमंद को दान करने के बाद उस दान का ढिंढोरा पीटने लगते हैं जो कि गलत है। दान हमेशा गुप्त रखना चाहिए। अगर उस दान के बारे में किसी को बता दिया जाए तो उससे मिलनेवाला पुण्य नष्ट हो जाता है।

 

कुछ लोगों को अपना मान-सम्मान करवाने और उसका दिखावा करने की बहुत हीं गलत आदत होती है। कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जो दूसरों को लेकर दस लोगों के बीच में जाते हैं और वहाँ अपनी तारीफ करवाते हैं। ऐसा करने वाले लोगों से उनके शुभचिंतक धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं। इसलिए अगर आपको कहीं सम्मान मिलता भी है तो उसके बारे में ज्यादा चर्चा न करें।
 


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