नक्सली संविधान में विश्वास करें तब होगी उनसे बातचीत : बघेल
punjabkesari.in Friday, Apr 08, 2022 - 06:31 PM (IST)
रायपुर, आठ अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में नक्सली घटनाओं में कमी आने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर दोहराया है कि यदि नक्सली देश के संविधान में विश्वास करें तब उनकी सरकार किसी भी मंच पर उनसे बातचीत करने के लिए तैयार है।
बघेल शुक्रवार को राजधानी रायपुर के पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान जब संवाददाताओं ने बघेल से कोंडागांव जिले को अति नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से बाहर किए जाने से संबंधित सवाल किया तब उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि क्षेत्र में लगातार घटनाएं (नक्सली घटनाएं) कम हो रही हैं। पहले मीडिया में यही खबरें रहती थीं। सरकार की योजनाओं के कारण लगातार वहां के लोगों का विश्वास जीतने में हमें सफलता मिली है। इस कारण से वह (नक्सली) लगातार पीछे हट रहे हैं।’’
बघेल ने कहा, ‘‘यह खुशी की बात है कि घटनाएं कम हो रही हैं। यह संतोष का विषय है। साथ ही हम चाहते हैं कि ऐसी कोई घटना न हो और बस्तर में शांति लौटे। बस्तर की जो पहले पहचान थी शांति, भाईचारा, प्रकृति के साथ उन्मुक्त जीवन जीने वाले हमारे आदिवासी भाई बहन, फिर से वह जीवन लौटे। हमारी कोशिश है कि वहां इस तरह से व्यवस्था हो।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार नक्सलियों के साथ बातचीत के लिए कदम उठाएगी, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि यदि नक्सली भारत के संविधान पर विश्वास व्यक्त करते हैं, तो वह किसी भी मंच में बात करने आएं हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं।’’
छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सत्ता में आई थी तब मुख्यमंत्री बघेल ने कहा था कि उनकी सरकार नक्सल समस्या के समाधान के लिए नई रणनीति तैयार करेगी। इसके तहत सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्र के निवासियों से बातचीत करेगी तथा उनका विश्वास हासिल करेगी। वहीं यदि नक्सली संविधान पर विश्वास करें तब उनसे भी बातचीत की जाएगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
बघेल शुक्रवार को राजधानी रायपुर के पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान जब संवाददाताओं ने बघेल से कोंडागांव जिले को अति नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से बाहर किए जाने से संबंधित सवाल किया तब उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि क्षेत्र में लगातार घटनाएं (नक्सली घटनाएं) कम हो रही हैं। पहले मीडिया में यही खबरें रहती थीं। सरकार की योजनाओं के कारण लगातार वहां के लोगों का विश्वास जीतने में हमें सफलता मिली है। इस कारण से वह (नक्सली) लगातार पीछे हट रहे हैं।’’
बघेल ने कहा, ‘‘यह खुशी की बात है कि घटनाएं कम हो रही हैं। यह संतोष का विषय है। साथ ही हम चाहते हैं कि ऐसी कोई घटना न हो और बस्तर में शांति लौटे। बस्तर की जो पहले पहचान थी शांति, भाईचारा, प्रकृति के साथ उन्मुक्त जीवन जीने वाले हमारे आदिवासी भाई बहन, फिर से वह जीवन लौटे। हमारी कोशिश है कि वहां इस तरह से व्यवस्था हो।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार नक्सलियों के साथ बातचीत के लिए कदम उठाएगी, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि यदि नक्सली भारत के संविधान पर विश्वास व्यक्त करते हैं, तो वह किसी भी मंच में बात करने आएं हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं।’’
छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सत्ता में आई थी तब मुख्यमंत्री बघेल ने कहा था कि उनकी सरकार नक्सल समस्या के समाधान के लिए नई रणनीति तैयार करेगी। इसके तहत सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्र के निवासियों से बातचीत करेगी तथा उनका विश्वास हासिल करेगी। वहीं यदि नक्सली संविधान पर विश्वास करें तब उनसे भी बातचीत की जाएगी।
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