हरियाणा की महिलाओं ने अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना सीखी

punjabkesari.in Monday, Jan 24, 2022 - 01:27 PM (IST)

चंडीगढ़,(अर्चना सेठी): हरियाणा प्रदेश की महिलाओं ने खुद पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना सीख ली है। घरेलू ङ्क्षहसा, यौन उत्पीडऩ, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, मानसिक एवं शारीरिक उत्पीडऩ से लेकर बाल विवाह और साइबर अपराधों के खिलाफ हरियाणा की महिलाओं ने हरियाणा राज्य महिला आयोग से मदद मांगी है। पिछले 5 सालों के आंकड़ों की मानें तो प्रदेश की महिलाएं एवं बच्चियां सुकून में नहीं हैं। 
पांच साल पहले अगर आयोग से मदद के लिए सिर्फ 1472 महिलाओं ने शिकायत की थी तो शिकायतों की यह संख्या साल बीतने के साथ बढ़ती ही जा रही है। वर्ष 2018-19 में 2287 ने अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, वर्ष 2019-20 में 2528 महिलाओं ने अपने उत्पीडऩ की आपबीती सुनाई, वर्ष 2020-21 के दौरान 2586 महिलाओं ने आयोग को दस्तक दी। वर्ष 2021-22 में दिसम्बर महीने तक आयोग के पास 2201 महिलाओं की शिकायत पहुंच चुकी है। आयोग में अब साइबर अपराध और बाल विवाह के खिलाफ भी शिकायतें मिलना शुरू हुई हैं। पिछले 9 महीनों में हरियाणा से बाल विवाह के खिलाफ दो शिकायतें भी आयोग को मिली।

 


हिसार जिले की महिलाओं ने सर्वाधिक शिकायतें दी 
2021-22 के दौरान अब तक खुद पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ हिसार की महिलाओं ने सर्वाधिक शिकायतें दी। हिसार से 147 महिलाओं ने शिकायत दी। फरीदाबाद से 143 महिलाओं ने शिकायतें दी। तीसरे नंबर पर गुरुग्राम की महिलाएं रही। यहां से 139 महिलाओं ने शिकायत की। सोनीपत से 137 महिलाओं ने शिकायत दी। रोहतक से 125 महिलाओं की शिकायत आयोग पहुंची। पानीपत से भी 125 महिलाओं ने शिकायत भेजी। भिवानी से 103 महिलाओं ने शिकायत की। मेवात से 99, सिरसा से 93, रेवाड़ी से 92, महेंद्रगढ़ से 90 महिलाओं ने शिकायत दी। आंकड़े कहते हैं कि वर्ष 2020-21 के दौरान गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, सोनीपत, फतेहाबाद, करनाल, पानीपत, सिरसा, पंचकूला, भिवानी की महिलाओं ने सर्वाधिक शिकायतें दी।  प्रदेश से वर्ष 2021-22 के दौरान आयोग को घरेलू ङ्क्षहसा की 336 शिकायतें मिली। घरेलू ङ्क्षहसा करने वाले जिलों में सोनीपत टॉप पर रहा। यहां से 29 महिलाओं ने घर में ङ्क्षहसा के खिलाफ आवाज उठाई। रोहतक से 23 महिलाओं ने घरेलू ङ्क्षहसा की शिकायत दी। गुुरुग्राम से 23, फरीदाबाद से 19 और पानीपत से भी 18 महिलाओं ने मार पिटाई के विरुद्ध आवाज बुलंद की।

 


5 सालों में प्रदेश की महिलाओं द्वारा की गई शिकायतों का ब्यौरा 
वर्ष                  शिकायतें            निवारण

2021-22         2201          1753 (दिसम्बर तक)
2020-21       2586                2502
2019-20       2528                2007
2018-19       2287                1610
2017-18       1472                 1006

 


99 फीसदी मामलों का किया निवारण : दलाल
हरियाणा राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष प्रीति भारद्वाज दलाल का कहना है कि आयोग में आने वाली शिकायतों में से 99 प्रतिशत शिकायतों का निवारण करने में हमने सफलता हासिल की है। बीते सालों में 60 फीसदी मामलों में ही समस्याओं का निवारण हो पाता था। आज भी हरियाणा से दहेज की मांग के खिलाफ शिकायतें आ रही हैं परंतु दहेज और घरेलू ङ्क्षहसा की शिकायतें एक-दूसरे से मिलती हैं। दहेज के लिए ही घरेलू ङ्क्षहसा होती है और घरेलू ङ्क्षहसा की वजह भी दहेज ही पाया जाता है। अब साइबर अपराधों के मामलों की भी आयोग सुनवाई कर रहा है। हमारे व्हाट्सअप नंबर आयोग सखी पर भी शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे बहुत से मसले होते हैं जो संवेदनशील होते हैं और उन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती, आयोग हर तरह से महिलाओं की मदद के लिए तैयार है। आयोग ने अपनी वैबसाइट पर यौन उत्पीडऩ के खिलाफ पॉलिसी का ड्राफ्ट भी अपलोड किया है। 

 

 

264 ने मांगा दहेज, आयोग को दी शिकायत  
पिछले दिनों हरियाणा के एक जिले से जलती हुई महिला की वीडियो वायरल हुई थी। महिला को बचाने की बजाय उसका पति उसकी वीडियो बनाकर तमाशा देखता रहा। महिला की कुछ दिन बाद मौत हो गई थी। महिला के परिवार ने न्याय की मांग करते हुए आयोग का दरवाजा खटखटाया था। वर्ष 2021-22 के दौरान 264 महिलाओं ने ससुराल पक्ष द्वारा मांगे गए दहेज के खिलाफ आयोग से शिकायत की। दहेज के खिलाफ सर्वाधिक शिकायतें फरीदाबाद से मिली। यहां से 20 महिलाओं ने शिकायत दी। उसके बाद रोहतक से 18, सोनीपत से 16, रेवाड़ी से 16, करनाल से भी 16 महिलाओं ने दहेज की मांग के खिलाफ आवाज उठाई। रिकॉर्ड कहता है कि वर्ष 2020-21 के दौरान दहेज की मांग के खिलाफ 317 महिलाओं ने आयोग से शिकायत की थी। 

 

 

रेप के दोषी को नहीं मिल सकती माफी : भाटिया
हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया का कहना है कि हरियाणा की महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। बीते सालों के मुकाबले अब आयोग में आने वाली शिकायतों की संख्या भी इसी वजह से बढ़ रही है क्योंकि महिलाएं अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने लगी हैं। घरेलू ङ्क्षहसा से प्रदेश की महिलाएं सर्वाधिक आहत हैं। उसके बाद शारीरिक और मानसिक उत्पीडऩ के मामले हैं। पति-पत्नी के बीच भी मतभेद सामने आते हैं परंतु आयोग की कोशिश रहती है कि दोनों पक्षों की बात सुनकर दोनों के साथ न्याय करें। रेप जैसे मामलों में तो दोषी को माफ किया ही नहीं जा सकता। 

 


नौ महीनों में मिली रेप की 98 शिकायतें, यौन उत्पीडऩ भी हुए
रेप के खिलाफ वर्ष 2021-22 के दौरान दिसम्बर महीने तक हरियाणा से 98 शिकायतें मिली हैं। आयोग को रेप के खिलाफ मेवात से 12, पानीपत से 11, गुरुग्राम से 7, हिसार से 7, सिरसा से 7 शिकायतें भेजी गई। यौन उत्पीडऩ के खिलाफ आयोग को 113 शिकायतें मिली। उत्पीडऩ की सर्वाधिक शिकायतें अम्बाला, हिसार, भिवानी, पानीपत, करनाल, गुरुग्राम से मिली। वर्ष 2020-21 में हरियाणा की 146 महिलाओं ने बलात्कार और 29 महिलाओं ने आयोग को सामूहिक बलात्कार के खिलाफ शिकायत दी। मेवात जिले से 13, हिसार से 13, करनाल जिले से 12, गुरुग्राम से 12, पानीपत से 10, यमुनानगर से 10 महिलाओं ने खुद पर हुए बलात्कार के खिलाफ आयोग से मदद मांगी। जबकि गैंगरेप के खिलाफ आयोग को हिसार से 4, पानीपत से 4, कैथल से 3, गुरुग्राम से 2, पलवल से 2, फतेहाबाद से 2, मेवात से 2, चरखी दादरी से 1, रेवाड़ी से 1, सोनीपत से 2, रोहतक से 2, महेंद्रगढ़ से 1, झज्जर से 1 शिकायत मिली। हरियाणा के करनाल, यमुनानगर, जींद, भिवानी, अम्बाला, पंचकूला, फरीदाबाद, सिरसा से गैंगरेप की कोई शिकायत नहीं थी।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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