हरियाणा के 40 हजार निकाय कर्मी 23 मई को करेंगे हड़ताल
punjabkesari.in Saturday, May 21, 2022 - 07:55 PM (IST)

चंडीगढ़,(पांडेय): सरकार व विभाग की वायदाखिलाफी और लंबित मांगें पूरा नहीं होने से आक्रोशित शहरी स्थानीय निकाय विभाग के 40 हजार कर्मचारी 23 मई से 2 दिवसीय टूल डाऊन पेन डाऊन हड़ताल पर चले जाएंगे। इसमें अग्निशमन के कर्मचारी भी शामिल हैं। जलापूॢत के कर्मचारी भी हड़ताल पर रहेंगे लेकिन जनहित को देखते जलापूॢत का कार्य भी करेंगे। इस हड़ताल का आह्वान सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा ने किया है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने 2 दिवसीय हड़ताल का पुरजोर समर्थन करने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि सभी जिला कमेटियों और विभागीय संगठनों के राज्य प्रधान व महासचिव को सर्कुलर भेज कर हड़ताल में बढ़-चढ़कर शामिल होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के कर्मचारी एक जगह एकत्रित होंगे और वहां से प्रदर्शन करते हुए हड़ताली कर्मचारियों के धरने प्रदशनों में शामिल होंगे। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के नेताओं ने दो टूक चेतावनी दी कि अगर बातचीत से मांगों का समाधान करने की बजाय कोई दमनात्मक कार्रवाई कर हड़ताल को कमजोर करने का प्रयास किया तो अन्य विभागों के कर्मचारी सड़कों पर उतर माकूल जवाब देंगे।
भाजपा-जजपा कर्मचारी विरोधी सरकार
नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने दावा किया कि 23-24 मई की हड़ताल में 11 नगर निगमों, 21 परिषदों व 58 नगरपालिकाओं के करीब 40 हजार कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे। सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो हड़ताल को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा सरकार कर्मचारी व दलित विरोधी है। उन्होंने कहा कि नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के लंबे आंदोलन के बाद शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता द्वारा 10 मई, 2022 को वार्ता की गई। मांग पत्र में शामिल 19 मांगों में से केवल 8 मांगों पर चर्चा की गई और बिना निष्कर्ष के समय का अभाव बताकर मंत्री ने मीटिंग समाप्ति की एकतरफा घोषणा कर दी। उनका यह व्यवहार लोकतांत्रिक मूल्यों एवं संवैधानिक अधिकारों के विपरीत है। शास्त्री ने कहा कि सरकार हरियाणा कौशल रोजगार निगम के नाम पर केवल वर्षों से लगे पार्ट वन, पार्ट टू व विभाग के रोल पर लगे कर्मचारियों से पक्का होने का अधिकार छीनना चाहती है, वहीं ठेकेदारों का शोषण का शिकार हो रहे वर्क आऊटसोॄसंग, आप्रेशन एंड मैंटीनैंस (ओ. एंड एम.), डोर टू डोर के कर्मचारियों का ठेका जारी रहेगा। सरकार का यह निर्णय विवादस्पद व हास्यपद होने के साथ न्याय संगत नहीं है।
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