दो साल बाद सूरजकुंड शिल्प मेला शुरू,हरियाणा पर्यटन की वैबसाइट से प्रवेश और पार्किंग टिकट कर सकते हैं बुक

punjabkesari.in Saturday, Mar 19, 2022 - 08:49 PM (IST)

चंडीगढ़,(पांडेय): दो साल के लंबे अंतराल के बाद आखिरकार हरियाणा के अनूठे सूरजकुंड शिल्प मेले का आज से आधिकारिक रूप से उद्घाटन हो गया। इस बार मेले की सबसे अच्छी बात यह है कि आगंतुक मेले की प्रवेश और पार्किंग टिकट पेटीएम इनसाइडर और हरियाणा पर्यटन की वैबसाइट से बुक कर सकते हैं, इससे अब उन्हें लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा और वे मेला परिसर में आसानी से प्रवेश कर सकेंगे। इसके अलावा वैबसाइट पर एक ऐप के माध्यम से वर्चुअल टूर और शिल्पकारों की जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, रक्षा कर्मियों और पूर्व सैनिकों को प्रवेश टिकट पर 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इसके साथ ही आसपास के क्षेत्रों से यात्रियों को मेला स्थल तक ले जाने के लिए विभिन्न स्थानों से विशेष बसें भी चलेंगी।

 


मेले में वैष्णो देवी मंदिर, अमरनाथ मंदिर, अपना घर की प्रतिकृतियां 
चूंकि जम्मू-कश्मीर 35वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला-2022 का थीम स्टेट है, इसलिए वैष्णो देवी मंदिर, अमरनाथ मंदिर, कश्मीर से वास्तुकला का प्रतिनिधित्व करने वाले अपना घर, हाऊस बोट का लाइव प्रदर्शन और स्मारक द्वार ‘मुबारक मंडी-जम्मू’ की प्रतिकृतियां मुख्य आकर्षण रहेंगे। साथ ही जम्मू-कश्मीर के सैंकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे। पारंपरिक नृत्य कला रूपों से लेकर उत्कृष्ट शिल्प तक, जम्मू-कश्मीर की विरासत और संस्कृति का एक गुलदस्ता विभिन्न कला रूपों और हस्तशिल्प के माध्यम से अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदॢशत करने वाले इस मेले का मुख्य आकर्षण रहेगा।

 


अपना घर हरियाणा की प्रामाणिक जीवन शैली को प्रदॢशत करेगा 
हरियाणा का एक परिवार हरियाणा की प्रामाणिक जीवन शैली को प्रदॢशत करने के लिए विशेष रूप से बनाए गए ‘अपना घर’ में रहने जा रहा है। ‘अपना घर’ आगंतुकों को राज्य के लोगों की जीवन शैली का अनुभव करने का मौका देता है और उन्हें अपनी संस्कृति के बारे में बातचीत करने और सीखने का मौका भी प्रदान करता है। अपना घर में पारंपरिक मिट्टी के बर्तन आदि दिखाए जाएंगे और शिल्पकार इन पारंपरिक शिल्पों का जीवंत प्रदर्शन करेंगे।

 


दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगा अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकारों का प्रदर्शन 
आगंतुकों के मूड को जीवंत करने के लिए भारत के राज्यों के कलाकारों सहित भाग लेने वाले विदेशों के अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकारों द्वारा शानदार कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। पंजाब के भांगड़ा, असम के बिहू, बरसाना की होली, हरियाणा के लोक नृत्य, हिमाचल प्रदेश के जमाकड़ा, महाराष्ट्र का लावणी, हाथ की चक्की का लाइव प्रदर्शन और हमेशा से मशहूर रहे बहुरुपिया जैसे विभिन्न प्रकार के कलाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।

 


शिल्पकारों के लिए बनाए गए हैं 1183 वर्क हट्स 
मेला मैदान 43.5 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और शिल्पकारों के लिए 1183 वर्क हट्स और एक बहु-व्यंजन फूड कोर्ट है, जो आगंतुकों के साथ बेहद लोकप्रिय है। मेले का माहौल महुआ, नरगिस, पांचजन्य जैसे रूपांकनों और सजावट के साथ जातीय जीवंतता पर ले जाएगा। इसके अलावा आगंतुकों को स्वतंत्रता पदक, तिरंगे बंटिंग और स्मारक टिकटों के रूपांकनों और प्रतिकृतियों के साथ स्वतंत्रता के 75 साल के थीम की भी झलक मिलेगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Ajay Chandigarh

Recommended News

Related News