‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’-2022 अभियान को दिया जाएगा पूरा सहयोग : मनोहर लाल

punjabkesari.in Thursday, Mar 31, 2022 - 12:59 AM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): हरियाणा सरकार द्वारा के जल संरक्षण को लेकर किए जा रहे प्रयासों को एक बार पुन: केंद्र सरकार ने सराहा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जल शक्ति अभियान के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हरियाणा ने इस अभियान के तहत जल सरक्षण और प्रबंधन के लिए विभिन्न पहल की है। इस अभियान में सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, अम्बाला और कुरुक्षेत्र जिला विशेष सराहना के पात्र है।

 

इस संबंध में गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखे गए पत्र के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया और ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’-2022 अभियान को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा की ओर से सहयोग देने का आश्वासन दिया है। 
पत्र में हरियाणा के योगदान की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 1 मार्च 2022 तक हरियाणा राज्य ने 89,918 जल संबंधी कार्य पूरे किए, जिनमें 49,136 जल संरक्षण और आर.डब्ल्यू.एच. संरचनाओं का निर्माण/रखरखाव, 8623 पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण, 25,921 पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण/रखरखाव, और 6238 वाटरशेड विकास संबंधी कार्यों के साथ-साथ लगभग 1.42 करोड़ वृक्ष लगाने का कार्य भी किए गए थे। उपरोक्त पूर्ण किए गए कार्यों के अलावा, जल से संबंधित कई अन्य कार्य भी किए जा रहे हैं। 

 


-राज्य में 22 जल शक्ति केंद्र स्थापित किए गए
पत्र में बताया गया है कि राज्य में 22 जल शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं। बारिश के मौसम को देखते हुए इस वर्ष में ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’-2022 शुरू करने की योजना हैं। इसे मार्च 2022 के अंत में शुरू किया जाएगा। यह अभियान देश के सभी जिलों (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों) में मार्च 2022 के अंत से 30 नवम्बर, 2022 तक, मानसून पूर्व और मानसून अवधि तक चलाया जाएगा। केंद्रित कार्य कार्यकलापों में निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे, जिसमें गहन वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण जिसमें भवनों पर रूफ-टॉप वर्षा जल संचयन संरचनाएं (आर.डब्ल्यू.एच.एस.) बनाना और परिसरों में जल संचयन गड्ढे खोदना शामिल हैं। मौजूदा आर.डब्ल्यू.एच.एस. का रखरखाव और नए चेक डैम/तालाबों का निर्माण, पारंपरिक जल संचयन संरचनाएं का नवीनीकरण, तालाबों /झीलों और उनके कैचमैंट चैनलों से अतिक्रमण हटाना, टैंकों की गाद निकालना, बोरवेल का पुन: उपयोग और पुनर्भरण, वाटरशैड विकास, छोटी नदियों और नालों का संरक्षण, आद्र्रभूमियों का पुनरुद्धार और बाढ़- बैंकों का संरक्षण, झरनों का विकास, वाटर कैचमेंट क्षेत्रों की सुरक्षा के अलावा, सभी जल निकायों की गणना, भू-टैङ्क्षगग और उनकी सूची बनाना, इसके आधार पर जल संरक्षण के लिए वैज्ञानिक योजना तैयार करना, सभी जिलों में जल शक्ति केंद्रों की स्थापना, गहन वनरोपण और जन जागरूकता लाना भी शामिल है। 
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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