पुलिस टीम का छापा, एक बार फिर मिली खैर की लकड़ी की खेप

punjabkesari.in Friday, Apr 21, 2017 - 12:35 PM (IST)

मोरनी(अनिल) : मोरनी क्षेत्र में वीरवार को एक बार फिर खैर के अवैध कटान की जांच के लिए पुलिस टीम ने सुबह होते ही टिक्करताल के साथ लगते वन क्षेत्र में सी.एम. फ्लाइंग स्क्वायड तथा पचकूला पुलिस की टीमों ने दस्तक दी। दोपहर 2 बजे तक सी.एम. फ्लाइंग स्क्वायड और मोहित हांडा (आई.पी.एस.) थाना प्रबंधक चंडीमंदिर ने वन विभाग अधिकारी बी.एस. राघव तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों को लेकर गांव लसावा, कुम्भवाला, रसून के जगलों में खैर के अवैध कटान और खैर की बेशकीमती लकड़ी को तलाशती रही तथा अन्य साक्ष्यों को एकत्रित किया। इस ऑप्रेशन के दौरान पुलिस ने जंगल में दो अलग-अलग स्थानों पर तस्करी के लिए काट कर रखी गई खैर की बेशकीमती लकड़ी पकड़ी। 

अभियान के दौरान पुलिस को खैर के पेड़ों के करीब 1200 नग तस्करों ने छिपाकर रखे थे। इसके अलावा टीम को करीब 4 दर्जन खैर के पेड़ों के मूल मिले, जिनमें से कुछ को जलाकर नष्ट करने की कोशिश खैर तस्करों ने की थी तथा ज्यादातर अन्य को पुलिस की आखों में धूल झौंकने के लिए घास-फूस और पत्थरों के नीचे दबाकर रखा  हुआ था। वन राजिक अधिकारी बी.एस. राघव ने स्वयं माना है कि यह खैर पेड़ जो वीरवार को कटे हैं, उनका कोई भी परमिट जारी नहीं हुआ है और न ही यह वन अधिकारियों के संज्ञान में हैं। अत: यह कटान पूरी तरह से अवैध व अपराधिक श्रेणी में गिना जाएगा। 

 

टीम में शामिल पटवारी के अनुसार इन में से ज्यादातर पेड़ वन भूमि से काटे गए है। इस सम्बन्ध में थाना चंडीमन्दिर पुलिस ने अलग अभियोग दर्ज कर आगामी कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया आरम्भ कर दी है। मोरनी क्षेत्र से लगातार करोड़ों रुपए की खैर पकड़े जाने से जहां पुलिस विभाग अपनी उपलब्धि मानकर उत्साहित है, वहीं वन विभाग की लापरवाही और मिलीभगत उजागर होने से वन विभाग को जवाब नहीं सूझ रहा है।  पुरे क्षेत्र में वन विभाग की  किरकिरी हो रही है । ज्ञात हुआ है कि खानापूर्ति के नाम पर वन विभाग ने अपने दो छोटे कर्मचारी इस मामले में निलबिंत भी कर दिए हैं। अब वन विभाग के अधिकारी जांच में शामिल होने की बजाए कन्नी काट रहे हैं और पुलिस को विभागीय दस्तावेज उपलब्ध करवाने में आनाकानी कर रहे हैं।


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