जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान देशद्रोह के मामले में बरी प्रोफैसर वीरेंद्र सिंह व अन्य के खिलाफ सरकार ने पुन: निरीक्षण याचिका दाखिल की

punjabkesari.in Wednesday, Dec 07, 2022 - 08:25 PM (IST)

चंडीगढ़,(हांडा): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे प्रोफैसर वीरेंद्र सिंह व अन्य के खिलाफ जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान एक ऑडियो को आधार बनाकर पुलिस ने देशद्रोह सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था लेकिन निचली अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ हरियाणा सरकार की अपील पर हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। 

 

 


दिसम्बर 2019 में रोहतक की ए.डी.जे. कोर्ट ने सार्वजनिक संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने, लोगों को भड़काने व देशद्रोह के आरोपों से वीरेंद्र सिंह को बरी कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में आपराधिक पुन:निरीक्षण अपील दायर कर निचली कोर्ट का यह आदेश रद्द करने की मांग की है। सरकार ने अपनी अपील में कहा है कि ट्रायल कोर्ट ने तथ्यों को अनदेखा कर इस मामले में फैसला दिया है। प्रो. वीरेंद्र सिंह के अलावा जयदीप धनखड़ और कैप्टन मान सिंह पर 24 फरवरी 2016 को देशद्रोह, अंतर्जातीय दुर्भावना, प्रॉपर्टी को नुक्सान पहुंचाने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान यह मामला एक भड़काऊ ऑडियो के सामने आने के बाद दर्ज किया गया था। 

 

 


आरोप है कि ऑडियो में प्रो. वीरेंद्र ने जयदीप धनखड़ का फोन लेकर मानसिंह से कहा था कि यहां सब शांतिपूर्ण चल रहा है, अपने इलाकों में संभालो। उस समय ङ्क्षहसा चल रही थी। इसी आधार पर उनके अलावा 2 अन्य लोगों पर दंगा भड़काने के आरोप लगाते हुए विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज कर लिए गए थे। रोहतक कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान जांच टीम कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई, जिस कारण कोर्ट ने प्रोफैसर वीरेंद्र सिंह व अन्यों को आरोपों से मुक्त कर दिया था।
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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