महंगी दरों पर कोयला आयात करने के आदेश को निरस्त करने की मांग

punjabkesari.in Wednesday, Jul 27, 2022 - 09:16 PM (IST)

चंडीगढ़,(पांडेय):इलैक्ट्रिसिटी इम्प्लायज फैडरेशन ऑफ इंडिया (ई.ई.एफ.आई.) ने प्रधानमंत्री से केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा 10 गुणा महंगी दरों पर कोयला आयात करने के आदेश को निरस्त करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि जहां डोमैस्टिक कोयले का मूल्य लगभग 2 हजार रुपए प्रति टन है, वहीं आयातित कोयले का मूल्य लगभग 20 हजार रुपए प्रति टन है। जिससे बिजली उत्पादन की लागत में लगभग 1 रुपए प्रति यूनिट की वृद्धि होगी, जिसे अंतत: आम उपभोक्ताओं से ही वसूला जाएगा।

 


इलैक्ट्रिसिटी इम्प्लायज फैडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने यह मांग केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी द्वारा 25 जुलाई को राज्यसभा में एक प्रश्न के दिए लिखित उत्तर के संदर्भ में की है। कोयला मंत्री ने लिखित उत्तर में यह कहा है कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है और पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कोयले का उत्पादन 31 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जब देश में कोयले की कोई कमी ही नहीं है तो दस गुणा महंगी दरों पर कोयला आयात करने का दबाव क्यों बनाया जा रहा है। 

 


उन्होंने कहा कि नैशनल को-आर्डीनेशन कमेटी ऑफ इलैक्ट्रिसिटी इम्प्लायज एंड इंजीनियर के बैनर तले 2 अगस्त को कांस्टीच्युशन क्लब नई दिल्ली में आयोजित कन्वैंशन में बिजली संशोधन बिल 2022 के साथ ही केंद्रीय विघुत मंत्रालय के उक्त आदेश को वापस लेने की मांग को प्रमुखता से उठाया जाएगा। ऑल हरियाणा पावर कॉर्पोरेशंज वर्कर यूनियन के चेयरमैन देवेंद्र हुड्डा, प्रधान सुरेश राठी, महासचिव नरेश कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी व डिप्टी जरनल सैक्रेटरी जितेंद्र तेवतिया ने केंद्र सरकार के दस गुना ज्यादा रेट पर कोयला आयात करने के निर्णय की कड़ी भत्र्सना की और 13 अगस्त को बिजली मंत्री रणजीत सिंह के सिरसा ऑफिस पर किए जाने वाले प्रदर्शन में अन्य मांगों के साथ इस मामले को भी प्रमुखता उठाने का ऐलान किया है।

 


राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री द्वारा दिए गए इस लिखित उत्तर से स्पष्ट हो जाता है कि कोयले का कोई संकट न होते हुए भी राज्यों के बिजली घरों पर कोयला आयात करने का अनावश्यक तौर पर अनैतिक दबाव डाला गया। उन्होंने बताया कि चूंकि राज्यों पर केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा अनावश्यक तौर पर बेजा दबाव डाल कर कोयला आयात कराया जा रहा है, जो घरेलू कोयले की तुलना में लगभग 10 गुना महंगा हो गया है। 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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