मंडियों को खत्म करने पर उतारू है दुष्यंत-खट्टर सरकार : सुरजेवाला

punjabkesari.in Wednesday, Dec 29, 2021 - 04:05 PM (IST)

चंडीगढ़,  (अर्चना सेठी) वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के तीस हज़ार आढ़तियों को धान की खरीद पर 258 करोड़ रुपये आढ़त और लाखों मजदूरों को 250 करोड़ रुपये की मजदूरी ने दिए जाने को अनाज मंडियों पर ताला लगाने की साजिश का हिस्सा बताया है।

 सुरजेवाला ने कहा की दुष्यंत-खट्टर सरकार किसान-मजदूर और आढ़तियों की दुश्मन बनी हुई है और मंडियों को लगातार कमजोर करके धीरे-धीरे खत्म करने पर उतारू है। आढ़तियों 508 करोड़ की धान की आढ़त का भुगतान न करके वह उद्देश्य हासिल करना चाहती है जो वो किसानों पर तीन काले कानून लागू करके हासिल करना चाहती थी। सरकार की यह पूरी प्रक्रिया परोक्ष रूप से अनाज मंडियों पर ताला लगाकर चोर दरवाजे से काले कानून लागू करने की साजिश का हिस्सा है ताकि आढ़ती धीरे-धीरे मंडी छोड़ने पर मजबूर हों जाएँ और प्रदेश के किसान के पास मोदी सरकार के चार-पांच पूंजीपति मित्रों को औने-पौने दामों पर फसल बेचने के अलावा कोई विकल्प ही न बचे।

सुरजेवाला ने कहा की धान की सरकारी खरीद जब 15 नवंबर, 2021 को खत्म हो गई थी, तो खरीद बंद होने के डेढ़ महीने बाद भी आज तक आढ़तियों को उनकी आढ़त और मजदूरों की मजदूरी का भुगतान क्यों नहीं किया गया। क्या सरकार चाहती है की किसान की गेहूं खरीद न हो, क्योंकि अगर लेबर का पिछला भुगतान नहीं होगा तो आगे गेहूं के सीजन के लिए मजदूर कैसे मिलेंगे।


सुरजेवाला ने कहा की मोदी सरकार का किसान विरोधी षड्यंत्र और चेहरा बार-बार उजागर हो रहा है। उन्होंने याद दिलाया की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने भी अभी हाल ही में  महाराष्ट्र में तीन कृषि कानूनों को दोबारा वापस लाने का बयान दिया था, जिससे ये साफ है कि मित्र पूंजीपतियों के दबाव में मोदी सरकार पांच राज्यों के चुनाव के बाद एक बार फिर किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को नई शक्ल में लाने की साजिश कर रही है। 21 नवंबर, 2021 को भी राजस्थान के राज्यपाल, कलराज मिश्र ने कहा था कि ये कानून किसी और शक्ल में वापस लाए जाएंगे। उसी दिन यानी 21 नवंबर को ही भाजपा के सांसद साक्षी महाराज ने भी उन्नाव में सार्वजनिक सभा में कहा था कि ये तीनों काले कानून वापस लाए जाएंगे।


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News Editor

Archna Sethi

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