राष्ट्रीय सुरक्षा पर धर्म की राजनीति नहीं करनी चाहिए, सबसे पहले राष्ट्र : अश्वनी

punjabkesari.in Thursday, Oct 14, 2021 - 11:21 PM (IST)

चंडीगढ़, (अश्वनी): सीमावर्ती राज्यों में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बी.एस.एफ.) का दायरा बढ़ाए जाने के खिलाफ शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने पंजाब राजभवन के नजदीक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल सहित नेताओं को गिरफ्तार किया गया। शिअद अध्यक्ष को गिरफ्तार कर वरिष्ठ नेताओं तथा कार्यकत्र्ताओं के साथ एक बस में सैक्टर-3 के पुलिस स्टेशन ले जाया गया। यहां अकाली वर्करों ने पंजाब विरोधी साजिश रचने के लिए कांग्रेस तथा भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इससे पहले शिअद नेता पंजाब राजभवन की तरफ बढ़े तो उन्हें बैरीकेङ्क्षडग करके रोका गया। इस दौरान कार्यकत्र्ताओं व नेताओं की सभा को संबोधित करते हुए बादल ने कहा कि यह दूसरी बार है, जब केंद्र ने पंजाब पर अपने अधिकार थोपे हैं। केंद्र ने तीनों कृषि कानून लाकर राज्य के किसानों के साथ भेदभाव किया है। अब यह बी.एस.एफ. के अधिकार क्षेत्र का विस्तार कर राज्य के आधे से अधिक कानून और व्यवस्था पर प्रभावी रूप से नियंत्रण कर रहा है।

 


धार्मिक स्थल भी दायरे में आ जाएंगे
इस कदम को राज्य के संघीय ढांचे पर हमला करार देते हुए बादल ने कहा कि अब श्री दरबार साहिब, दुॢगयाणा मंदिर और राम तीर्थ जैसे हमारे पवित्र धार्मिक स्थल भी केंद्रीय बलों की नियंत्रण में आ जाएंगे। अकाली दल इस गलत फैसले के लिए लड़ेगा क्योंकि हम संघीय संरचना के लिए खड़े रहते हैं। यह ङ्क्षनदनीय है कि मुख्यमंत्री ने 5 अक्तूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान इस पंजाब विरोध कदम पर सहमति जताई। चन्नी ने कुछ माह पद पर रहने के लिए राज्य के हितों को बेच दिया है। बादल ने कहा कि इससे पहले भी पंजाब में कांग्रेस सरकार द्वारा पानी के मसले पर भेदभाव किया गया था। ‘कुछ साल पहले हमने जी.एस.टी. व्यवस्था लागू होने के साथ हमने राजस्व पर नियंत्रण खो दिया था। अब हमारी जमीन तथा पुलिस व्यवस्था भी हमसे छीनी जा रही है’।

 


शिअद अध्यक्ष ने कहा कि यह ङ्क्षनदनीय है कि न तो मुख्यमंत्री और न ही गृह मंत्री सुखजिंद्र रंधावा ने नए प्रस्ताव का विरोध किया। ‘पंजाब ने अभी तक इस कदम को खारिज नहीं किया है’। उन्होंने पंजाबियों को आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य में एक बार शिअद-बसपा गठबंधन की सरकार बनने के बाद इसे रद्द कर दिया जाएगा।


पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि नए केंद्रीय कदम ने लोगों को आतंकवाद के काले दिनों की याद दिला दी, जब पूरे राज्य पर केंद्रीय बलों का बोलबाला था। उन्होंने कहा कि सुखजिंद्र रंधावा ने जेल मंत्री के रूप में इसका यह कहते हुए समर्थन किया है कि जेलों का नियंत्रण सी.आर.पी.एफ. को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालात ऐसे हैं कि गृह मंत्री सुखजिंद्र रंधावा का गांव भी केंद्रीय बलों के नियंत्रण में आ गया है।
पार्टी अध्यक्ष के साथ-साथ वरिष्ठ नेता डा. दलजीत सिंह चीमा, सुरजीत सिंह रखड़ा, एन.के. शर्मा और परमबंस रोमाणा ने भी गिरफ्तारियां दी।


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News Editor

Taranjeet Singh

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