एम.एस.पी., एम.एस.पी. की गारंटी, कर्ज, मुआवजा, सबसिडी समेत कई मसलों पर हुई चर्चा: हुड्डा

punjabkesari.in Saturday, May 07, 2022 - 08:57 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): राजस्थान के उदयपुर में किसानों के मसलों पर बात करने के लिए 13 से 15 मई तक होने वाले कांग्रेस के ङ्क्षचतन शिविर को लेकर बैठकों का दौर जारी है। इसके लिए संयोजक की जिम्मेदारी निभा रहे हरियाणा पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज अलग-अलग राज्यों से आए किसान नेताओं से मुलाकात की। बैठक में शामिल हुए किसान नेताओं ने हुड्डा के सामने खेती व किसानों से संबंधित तमाम चुनौतियों व सुझावों को साझा किया। हुड्डा ने पत्रकारों को बताया कि इस बैठक में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यू.पी., उत्तराखंड से लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक तक के किसान नेताओं ने शिरकत की। उन्होंने सभी नेताओं का आभार व्यक्त किया। हुड्डा ने कहा कि बैठक में खेती को लाभकारी बनाने के लिए किसानों को स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के तहत एम.एस.पी. देने पर सभी ने सहमति जताई। उन्होंने हमेशा इसकी वकालत की है।

 

2009 में उनकी अध्यक्षता में बनी मुख्यमंत्रियों की कमेटी ने भी इसकी सिफारिश की थी। उन्हीं सिफारिशों पर अमल करते हुए कई योजनाओं को यू.पी.ए. सरकार ने लागू किया था। उदाहरण के तौर पर पूरे देश में शॉर्ट टर्म लोन पर ब्याज दर को 4 प्रतिशत किया गया। इतना ही नहीं, हरियाणा में कांग्रेस सरकार ने इसी शून्य कर दिया था। हुड्डा ने कहा कि सरकार द्वारा सिर्फ एम.एस.पी. का ऐलान होना काफी नहीं है बल्कि इसकी गारंटी का कानून भी बनाया जाए, ताकि सभी किसानों को एम.एस.पी. मिल सके। इसके अलावा किसानों की लागत को कम करने के बारे में बैठक में सुझाव दिए गए। सबसिडी से लेकर मुआवजा तक लेने में पेश आने वाली परेशानियों के बारे में भी किसान नेताओं ने बताया। साथ किसानों पर बढ़ते कर्ज के बोझ और सिंचाई की चुनौतियों पर भी चर्चा हुई। इस बात पर भी चर्चा हुई कि देश की आयात व निर्यात नीति को भी किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित करने की जरूरत है। 

 


विपक्ष और सत्तापक्ष द्वारा किसानों के मसलों पर चर्चा करना जरूरी : राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने कांग्रेस और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की इस पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों द्वारा किसानों के मसलों पर चर्चा करना बेहद आवश्यक है। किसान नेता युद्धवीर सिंह ने बताया कि 2009 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कमेटी ने सरकार को जो सिफारिशें सौंपी थीं, उनको अमलीजामा पहनाए जाने की जरूरत है। एम.एस.पी. के निर्धारण के साथ लागत निर्धारण के तरीके में भी सुधार की जरूरत है। किसान नेताओं ने सरकार की तरफ से लाए गए बिजली बिल पर भी विरोध दर्ज करवाया है। उनकी मांग है कि किसानों को इस बिल से अलग रखा जाए। क्योंकि अगर इसमें किसानों को शामिल किया गया तो उनके लिए बिजली बहुत महंगी हो जाएगी, जो उसकी लागत को बढ़ा देगी। हुड्डा ने इस पर सहमति जताते हुए पार्टी के एजैंडा में इसे शामिल करने का आश्वासन दिया है। बैठक में राकेश टिकैत, युद्धवीर सिंह, मंजू किरण, ईशान, रतनमान, लाडी सोखड़ा, विजय शास्त्री, सागर मनवाल, अर्जुन चौधरी, अंकुर चौधरी, रविंद्र धामा, जयबीर हुड्डा, अरुण लाठर, अशोक सोलंकी, सुनील सोलंकी, मुकेश सोलंकी, राजेंद्र सूरा, रामकिशन महलावत, चौधरी संतोख सिंह, भूपेंद्र सिंह लाडी, अवनीश चौधरी, जोङ्क्षगद्र नैन, नरेश नैन शामिल हुए।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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