’डेंगू और मलेरिया के नियंत्रण के लिए उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों पर दिया जाए विशेष ध्यान‘

punjabkesari.in Thursday, Jan 23, 2020 - 12:02 PM (IST)

चंडीगढ़ (शर्मा): राज्य में डेंगू और मलेरिया के मामलों को नियंत्रित करने के लिए उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की तरफ विशेष ध्यान दिया जाए, जहां ऐसे मामले अधिक सामने आते हैं। यह निर्देश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिद्धू ने बुधवार को वैक्टर और पानी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण स्टेट टास्क फोर्स की समीक्षा मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए दिए।

 

बैठक में जानकारी दी गई कि साल 2019 में मलेरिया के ज्यादातर मामले ग्रामीण इलाकों में दर्ज किए गए और कुल मामलों में से 80 प्रतिशत मामले चार जिलों बङ्क्षठडा, होशियारपुर, मानसा और मोहाली में दर्ज किए गए जबकि अजनाला, बटाला, फाजिल्का और नाभा के शहरी इलाकों में डेंगू के ज्यादा मामले सामने आए। 

 

सिद्धू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि  संक्रमित बीमारियों की रोकथाम और कंट्रोल के लिए हरेक विभाग द्वारा एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें, जिससे विभागों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित किया  जा सके।स्वास्थ्य विभाग प्रभावित मामलों की जांच और इलाज के लिए जिम्मेदार है जबकि स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास और जल सप्लाई और सैनीटेशन विभाग की ड्यूटी स्वास्थ्य विभाग को बीमारी फैलने संबंधी बताना है। 

 

उनके अधिकार क्षेत्र में बीमारी की रोकथाम के लिए अपेक्षित कार्रवाई करना है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस समय स्वास्थ्य विभाग सभी हिस्सेदार विभागों को उनके क्षेत्रों में फैलने वाली बीमारियों संबंधी सूचित कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने हैरानी जताई कि राज्य के सभी शहरी इलाकों में एम.सी. एक्ट के अधीन उल्लंघन करने वालों (मच्छर प्रजनन वाले स्थानों) के चालान नहीं किए जा रहे हैं। 


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pooja verma

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