ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में परेशानी बन रही दवा की कमी

punjabkesari.in Saturday, Jun 19, 2021 - 01:02 AM (IST)

चंडीगढ़, (पाल): ब्लैक फंगस के मरीजों को इलाज देने वाली दवा (एम्फोटेरेसिन बी) की कमी डॉक्टर्स के लिए एक नई परेशानी बनी हुई है। जी.एम.सी.एच. में शुक्रवार तक ब्लैक फंगस के 34 मरीज एडमिट थे। एक दिन पहले तक उनके पास सभी मैडीसन आऊट ऑफ स्टॉक हो गई थी लेकिन कल सुबह ही हैल्थ डिपार्टमैंट की ओर से उन्हें कन्वेंशनल दूसरी दवा पोसकोनाजोल की सप्लाई आई है। 

 


हालांकि हॉस्पिटल प्रशासन लगातार यू.टी. प्रशासन और हैल्थ डिपार्टमैंट से संपर्क में है ताकि वक्त पर दवा मिलती रही। कन्वेंशनल दवाई भी उतनी ही इफैक्टिव है लेकिन इसका असर यह थोड़ा स्लो होता है। इसके अलावा ऑप्शन नहीं है। ऐसे में डॉक्टर्स यही दवा मरीजों को दे रहे हैं।


तय डोज में कम दी जा रही
दवा की कमी शुरू से ही है। इस बीमारी में जिस एम्फोटेरेसिन बी दवा को दिया जाता है, उसकी सप्लाई भी कम है। वहीं, मरीजों की संख्या ज्यादा है। इस दवाई को मरीज के वजन के हिसाब से दिया जाता है लेकिन कमी होने की वजह से दवाई को तय मात्रा से भी कम दिया जा रहा है, जिसका असर उनकी रिकवरी पर भी हो रहा है। जिस कन्वेंशल दवा पोसकोनाजोल को दिया जा रहा है, उसका इस्तेमाल मरीज की किडनी पर असर डालता हैं। ऐसे में डॉक्टर्स उसे नियमित नहीं दे पा रहे हैं। सूत्रों की माने तो इलाज कर रहे डॉक्टर्स प्रशासन से दवाई की पूरी डोज की मांग कर रहे हैं लेकिन कमी होने की वजह से उन्हें मिल नहीं रही है।


दोनों दवाओं का असर एक जैसा
जी.एम.सी.एच. के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डॉ. सुधीर गर्ग ने बताया कि उन्हें कन्वेंशनल मैडीसन की सप्लाई मिली है। सुबह तक हमारे पास 76 डोज थी। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में हैल्थ डिपार्टमैंट से हमें और डोज मिल जाएंगी। पिछले 15 दिनों में हमें एम्फोटेरेसिन बी ही मिल रही थी। कमी के कारण यह अभी मिली है। दोनों की एफकेसी एक ही है। ज्यादा फर्क नहीं है। हां, इसका असर यह है कि यह थोड़ा किडनी पर असर डालती है लेकिन हम इसे मैनेज कर सकते हैं। हैल्थ डिपार्टमैंट से हमारी बात हो रही है। शनिवार तक हमें दवा की सप्लाई आ जाएगी।


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News Editor

ashwani

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