लोको पायलट व सहायक पायलट को प्राइवेट अस्पताल में किया शिफ्ट

punjabkesari.in Thursday, Oct 21, 2021 - 07:38 PM (IST)

चंडीगढ़,(लल्लन यादव): चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन के समीप डिरेल हुए इंजन में घायल लोको पायलट श्रीकांत व सहायक पायलट दीक्षा को देर रात पंचकूला सैक्टर-6 अस्पताल से इंस्ट्रीयल एरिया स्थित प्राइवेट अस्पताल ईडन में शिफ्ट कर दिया गया। रेलवे के उच्चाधिकारियों का कहना है कि दोनों लोको पायलट ठीक हैं, जबकि इंजन में सवार 1 गार्ड अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं और दो गार्ड को कोई चोट नहीं आई हैं। अम्बाला मंडल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 4 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। अधिकारियों ने कमेटी को 15 दिन के भीतर जांच सौंपने को कहा है। 4 सदस्यीय टीम ने चंडीमंदिर तथा कालका वर्कशॉप का दौरा किया। 


जांच रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई 
पॉवर इंजन का ब्रेक फेल होने के मामले की अम्बाला मंडल ने उच्चस्तरीय जांच करने का फैसला लिया है। जांच टीम में डिवीजनल स्तर के 4 अधिकारियों को रखा गया है। इन अधिकारियों में सीनियर डी.एस.ओ., सीनियर टी.आर.डी., सीनियर डी.ई.ई.एल.एफ. तथा सीनियर डी.ई.एम. को शामिल किया गया है। ये अधिकारी ब्रेक फेल मामले की जांच करके रिपोर्ट देंगे। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। 


इंजन में लग रही थी कम ब्रेक 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक जांच में लोको पायलट की लापरवाही सामने आ रही है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह पॉवर इंजन अम्बाला से कालका के लिए लाया गया। उस दौरान ही इंजन में ब्रेक कम लग रही थी। ऐसे में लोको पायलट को पॉवर इंजन पहाड़ी इलाके में ले जाने की जरूरत नहीं थी। यदि ऐसा था तो पॉवर इंजन को चंडीगढ़ में ही रोक देना था परंतु यह इंजन कालका पहुंचा। जिसके बाद वापसी में चंडीमंदिर के समीप पॉवर इंजन डिरेल हो गया। 

 


सेफ्टी के लिए बनाए गए हैं स्लिप साइङ्क्षडग ट्रैक
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर स्टेशन पर करीब 1 से 2 किलोमीटर तक स्लिप साइडिंग ट्रैक बनाया जाता है, ताकि यदि किसी ट्रेन या इंजन का ब्रेक फेल होता हैं तो दूसरे ट्रैक पर शिफ्ट करके बड़ा हादसा रोका जा सकता है। कालका से अम्बाला जा रहे पॉवर इंजन का ब्रेक फेल होने पर लोको पायलट ने स्लिप साइडिंग ट्रैक का इस्तेमाल किया। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Vikash thakur

Recommended News

Related News