गारंटर के ज्वाइंट अकाऊंट से लोन की रिकवरी करनी SBI को पड़ी महंगी

punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2020 - 12:19 PM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : स्टेट बैंक को एक गारंटर के ज्वाइंट अकाऊंट से रिकवरी के 87711 रुपए निकालना महंगा पड़ा। स्टेट कंज्यूमर कमीशन चंडीगढ़ ने याची की अपील पर डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम का फैसला पलटते हुए बैंक को एक माह के भीतर याची के ज्वाइंट अकाऊंट से निकाली गई राशि लौटाने के साथ-साथ 15 हजार रुपए याची को मानसिक परेशानी के और 5 हजार रुपए कानूनी खर्च के रूप में देने को कहा है। 30 दिन के भीतर यदि बैंक याची को खाते से निकाली गई राशि नहीं लौटाता है तो उसे याची को शिकायत दाखिल करने की तिथि से 9 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा।

जानकार ने लिया था लोन :
स्टेट कंज्यूमर रिड्रैसल कमीशन चंडीगढ़ में कंज्यूमर प्रोटैक्शन एक्ट की धारा 15 के तहत दी शिकायत में सुनील वधवा ने बताया था कि उनके किसी जानकार से भारतीय स्टेट बैंक की सैक्टर-8 स्थित शाखा से 5 लाख का लोन लिया था, जिसकी गारंटी के रूप में सुनील वधवा ने बैंक को अपनी 558656 रुपए की एफ.डी. दी थी। 

किन्हीं परिस्थितियों में लोन नहीं चुकाया गया और लोन लेने वाला बैंकरप्ट हो गया। बैंक ने गारंटर को नोटिस भेजा कि 233336 रुपए लोन राशि व जनवरी 2019 तक का ब्याज एक सप्ताह में जमा करवाया जाए। बैंक ने बिना गारंटर की अनुमति लिए उनके ज्वाइंट सेविंग अकाऊंट से बकाया राशि का ब्याज 87711 रुपए निकाल लिया, जो सुनील वधवा, अनिल कुमार वधवा व राजेश कुमार वधवा के नाम से था। 

याची ने केस की पैरवी खुद की :
याची ने खुद शिकायत की पैरवी करते हुए जिला उपभोक्ता फोरम की ओर से बैंक के पक्ष में सुनाए फैसले के खिलाफ जिरह की और कोर्ट को बताया कि लोन की गारंटी उन्होंने दी थी जिसकी एवज में उन्होंने अपनी एफ.डी. बैंक के पास रखी थी जोकि बकाया लोन से अधिक की थी। 

अगर बैंक को रिकवरी करनी थी तो एफ.डी. से कर सकता था लेकिन बैंक ने ज्वाइंट खाते से पैसे निकाल लिए। तीन लोगों का ज्वाइंट अकाऊंट है जिसके दो खाताधारकों ने बैंक को गारंटी नहीं दी थी। बैंक को कोई अधिकार नहीं था कि ज्वाइंट खाते से रिकवरी करता। सुनील वधवा ने कोर्ट में बैंक की रिकवरी की नियमावली से भी अवगत करवाया। 

जस्टिस राजशेखर अत्री पर आधारित बैंच ने सुनील वधवा के हक में फैसला सुनाया और जिला उपभोक्ता फोरम के फैसले को रद्द करते हुए एस.बी.आई. को सुनील वधवा को निकाली गई राशि लौटाने व 15000 मानसिक परेशानी के लिए हर्जाना व 5000 रुपए कानूनी खर्च के रूप में अदा करने के आदेश दिए हैं।


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Priyanka rana

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