ट्रक यूनियन भंग करने के विरोध में 1 घंटा रोड किया बंद
punjabkesari.in Tuesday, Dec 07, 2021 - 01:12 PM (IST)
जीरकपुर, (गुरप्रीत): ट्रक यूनियनों को बहाल करने की मांग को लेकर पंजाब ट्रक एकता इकाई जिला पटियाला के बुलाए पर ट्रक ऑपरेटर्स की ओर से एक घंटे के लिए छत गांव के पास एयरपोर्ट चौक पर रोष प्रदर्शन किया गया। सड़क के दोनों ओर ट्रक खड़े करके चंडीगढ़-पटियाला रोड जाम कर दी गई। जिससे ट्रैफिक बाधित हो गया। ट्रैफिक की वजह से एयरपोर्ट पहुंचने वाले सवारियों को परेशानी झेलनी पड़ी और पटियाला रोड पर एयरपोर्ट रोड पर दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। ट्रक ऑप्रेटरों के नेताओं ने कार्यक्रम के बारे में शाम पौने 4 बजे तक पुलिस और खूफिया विभाग को भनक तक नहीं दी। ट्रक ऑप्ररेटर्स ने कहा कि सरकार की तरफ से ट्रक यूनियनों को भंग करने के कारण उनको ढुलाई के लिए माल नहीं मिल रहा, जिस वजह से वह आधे रेटों पर काम करने के लिए मजबूर हैं। ट्रक यूनियन की आधे से अधिक गाडिय़ां बिकने कारण कुछ ही गाडिय़ां यूनियन में रह गई। हरेक गाड़ी के साथ 10-15 परिवारों की रोजी रोटी जुड़ी है, जिससे परिवारों का गुजारा करना भी मुश्किल हो रहा है। ट्रक ऑप्ररेटर्स जत्थेबंदियां की तरफ से 3-4 सालों से ट्रक यूनियन बहाल करने की मांग की गई, लेकिन पंजाब सरकार ने उक्त मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
इस मौके ऑल पंजाब ट्रक एकता इकाई जिला पटियाला की 5 सदस्यीय समिति जिस में सुखविन्दर सिंह बराड़, अमृतपाल सिंह कालेका, अमनदीप सिंह गिल, गुरजिन्दरपाल सिंह सोढी और सुखविन्दर सिंह सरपंच ने डी.एस.पी. सब डिवीजन जीरकपुर हरजिन्दर सिंह की ओर से मांगपत्र मुख्यमंत्री के नाम देकर ट्रक यूनियनों को तुरंत बहाल करने की मांग की गई।
ट्रक यूनियन को किया जाए बहाल
ट्रक यूनियनों ने मांग की कि ओवरलोडिंग मुकम्मल तौर पर बंद होनी चाहिए। ट्रक लगभग अपनी क्षमता से 3 से 4 गुणा अधिक भार ढो रहे हैं, जिससे पंजाब और ट्रांसपोर्ट की अर्थ व्यवस्था बिगड़ रही है। पंजाब सरकार की तरफ से गेहूं/धान की ढुलाई-ढोआई का काम जो 120 प्रतिशत पर ठेकेदारों को दिया जाता है, वो काम एसोसिएशन को सीधे तौर पर दिया जाए। क्योंकि ठेकेदार वह काम 120 प्रतिशत से लेकर ट्रक ऑपरेटर को 40 से 50 फीसदी पर करने के लिए मजबूर करते हैं और साथ कानून की उल्लंघना कर करके ओवरलोडिंग करवा रहे हैं। ताकि ठेकेदारों द्वारा ऑपरेटर्स की हो रही लूट को रोका जा सके। ट्रक यूनियनों को बहाल किया जाए, उनको एक बढिय़ा ट्रांसपोर्टेशन नीति बना कर दी जाए, जिससे वह अपनी मनमानी न कर सकें। और व्यापारियों के साथ अच्छा तालमेल बनाकर अपना काम कर सके।
पासिंग ड्यू माफ किया जाए
व्यापारी वर्ग की ओर से गाड़ी भार या अनलोड करवाने समय पर डाला शबद के नाम और की जाती लूट मार बंद करवाई जाए जो आम ट्रकों से लगभग 500 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक की वसूली की जा रही है। सरकार द्वारा जारी की 2017-18 की ढुलाई निति अनुसार सभी भारत के लिए प्रति किलोमीटर की ढुलाई की पॉलिसी प्रति टन जी.डब्ल्यू. मुताबिक की जाए, जिससे व्यापारी और ट्रक मालिकों का आपसी तालमेल बरकरार रहे। कोविड के लंबे समय से चलते होने के कारण सभी कामकाजों की तरह टाल और ढुलाई करने वाले वाहनों को कारोबार नहीं मिल सके, जिस कारण टैक्स के पासिंग ड्यू हो गए हैं। जो ड्यू हैं वह पूर्ण तौर पर माफ किए जाएं। सरकार की तरफ से बस पर टैक्स में काफी राहत दी गई है।