शहर के बिजली कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर,प्रशासन ने 40 इलैक्ट्रिशियन की लगाई ड्यूटी

punjabkesari.in Tuesday, Feb 22, 2022 - 01:26 AM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा): निजीकरण के खिलाफ  बिजली विभाग के कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल शुरू हो गई है। इन दौरान बिजली जाती है तो फॉल्ट को ठीक करने के लिए कोई कर्मचारी नहीं आएगा। प्रशासन के अधिकारियों का दावा है कि हड़ताल के दौरान लोगों को परेशानी न आए इसलिए सभी के.वी. स्टेशन पर बिजली विभाग के कर्मचारी तैनात रहेंगे। इसके अलावा पूरे शहर में 40 इलैक्ट्रिशियन की ड्यूटी लगाई गई है। हालांकि विभाग ने एक नोटिस भी जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि लोग बिजली की अतिरिक्त उपयुक्त व्यवस्था अपने स्तर पर करके रखें। विभाग की तरफ  से कोशिश की जाएगी कि हड़ताल के दौरान बिजली आपूर्ति को जारी रखा जाए, लेकिन ब्रेकडाऊन होता है या फॉल्ट आता है तो ठीक करने में काफी समय लग सकता है, क्योंकि सभी कर्मचारी हड़ताल पर होंगे। ऐसे में लोगों को पहले से तैयार रहना चाहिए। इस बार बिजली कर्मचारियों को राजनीतिक दलों के साथ-साथ रैजीडेंट वैल्फेयर एसोसिएशन के अलावा पेंडू संघर्ष कमेटी व किसान संगठनों का साथ मिला है। हड़ताली कर्मचारी मंगलवार को कामकाज छोड़ परेड ग्राऊंड के साथ लगते ग्राउंड में विशाल रैली भी करेंगे।

 


एडवाइजर ने यूनियन के पदाधिकारियों के साथ की मीटिंग
सोमवार को प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने यूनियन के पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई। यूनियन के पदाधिकारियों ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कई कमियां गिनाई  और चंडीगढ़ के बिजली विभाग का निजीकरण रोकने की मांग की। जिस पर प्रशासक के सलाहकार ने यूनियन का पक्ष केंद्र सरकार के पास रखने की बात की। बाद में  यूनियन के पदाधिकारियों ने मीटिंग कर निजीकरण की प्रक्रिया रद्द करने तक हड़ताल जारी रखने का फैसला किया। उन्होंने सभी कर्मचारियों से मुकम्मल हड़ताल कर 22-23-24 फरवरी को परेड ग्राऊंड के सामने की जा रही रैली में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की।


हैल्पलाइन नंबर जारी
हड़ताल को देख प्रशासन ने जरूरी इंतजाम किए हैं। फिर भी बिजली कट लग सकता है। लोग शिकायत के लिए शिकायत केंद्रों पर फोन कर सकते हैं। प्रशासन ने अपील की है कि वह भी इलैक्ट्रिसिटी लाइन पर चैक रखें। कोई छेड़छाड़ करता दिखे तो पुलिस कंट्रोल रूम या हैल्पलाइन नंबर पर सूचना दे सकते हैं। सैक्टर-17 कंट्रोल रूम 0172-2703242, सैक्टर-9 कंट्रोल रूम 0172-2740475, सिटीजन फैसिलिटेशन सैंटर 0172-4639999 पर संपर्क कर सकते हैं।

 

पड़ोसी राज्यों के कर्मचारी भी होंगे शामिल
शहर के बिजली कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ  21 फरवरी को रात 11 बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं। 
नैशनल को-आर्डिनेशन कमेटी ऑफ  इलैक्ट्रिसिटी इम्पलाइज एंड इंजीनियर (एन.सी.सी.ओ.ई.ई.ई.) के आह्वान पर देशभर के बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियरों ने निजीकरण के खिलाफ  शुरू हड़ताल के  साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए सभी राज्यों की राजधानियों में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। 

 

यह जानकारी देते हुए नैशनल को-आर्डिनेशन कमेटी ऑफ  इलैक्ट्रिसिटी इम्पलाइज एंड इंजीनियर के सदस्य सुभाष लांबा ने बताया कि पंजाब के बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर 22 फरवरी, हरियाणा के 23 और हिमाचल प्रदेश के 24 फरवरी से चंडीगढ़ में हड़ताली कर्मियों के प्रदर्शन में शामिल होकर एकजुटता प्रकट करेंगे। चंडीगढ़ के विपक्षी दलों के पार्षद, आर.डब्ल्यू.ए., गांव संघर्ष समिति, संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, व्यापारी संगठनों आदि ने एक स्वर में हड़ताल के पुरजोर समर्थन का ऐलान किया है।

 


लांबा ने बताया कि कमेटी के वरिष्ठ नेता शैलेन्द्र दुबे, पदमजीत सिंह, प्रशांत नंदी चौधरी, सुभाष लांबा, मोहन शर्मा, अभिमन्यु धनखड़, समर सिन्हा आदि 22 फरवरी को चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। उक्त नेता हड़ताल की मॉनिटरिंग करेंगे और प्रशासन विफल बनाए जाने के उठाए जाने वाले विभिन्न कदमों पर नजदीकी नजर रखेंगे और उसी अनुरूप जरूरी फैसले लेंगे। यू.टी. पावरमैन यूनियन चंडीगढ़ के महासचिव गोपाल दत्त जोशी और प्रधान ध्यान चंद ने बताया कि केन्द्र सरकार 5 सालों से 150 करोड़ से 350 करोड़ तक मुनाफा  कमा रहे बिजली विभाग का निजीकरण कर रहा है। कर्मचारियों के साथ ही निजीकरण का सीधा भार शहर की आम जनता पर पड़ेगा।
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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