तालेबंदी की कगार पर गत्ता इंडस्ट्री, रॉ मैटीरियल के दाम बढ़ाना उचित नहीं

punjabkesari.in Thursday, Jan 23, 2020 - 01:23 PM (IST)

चंडीगढ़ (राय): गत्ता उद्योग चलाने के लिए प्रयोग होने वाले रॉ मैटीरियल के लगातार बढ़ते दामों और पेपर मिलों की धक्केशाही से तंग गत्ता उद्योग तालेबंदी की कगार पर हैं। गत्ता उद्योगों को चलाने के लिए प्रयोग होने वाले क्राफ्ट पेपर, गोंद, स्टीङ्क्षचग वायर व प्रिंटिंग इंक के दामों में लगातार हो रहे इजाफे ने बाक्स निर्माताओं की कमर तोड़ दी है। 

 

यह बात बुधवार को चंडीगढ़ प्रैस क्लब में आयोजित एक प्रैस कांफ्रैंस में नार्थ इंडिया कोरुगेटिड बॉक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कही। इन पदाधिकारियों में हिमाचल प्रदेश से सुरेंद्र जैन, पंजाब से वरुण गांधी, हरियाणा से रजत गुप्ता, उत्तर प्रदेश से सुशील सूद, जम्मू एंड कश्मीर से हरीश गुलाटी एवं राजस्थान से राजीव कट्टा शामिल थे। 

 

हिमाचल से गत्ता उद्योग संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने कहा कि एक तरफ तो देश मंदी की मार झेल रहा है और ऊपर से लगातार पेपर मिलों द्वारा मनमाने ढंग से कच्चे माल के रेट बढ़ाए जा रहे हैं जो कि उचित नहीं है। उन्होंने कहा मंदी के इस दौर में इस उद्योग पर संकट मंडरा रहा है।

 

गत्ता उद्योग 5 प्रतिशत मार्जिन पर करता है काम, पेपर मिल्स ने बढ़ाए दिए हैं 20 प्रतिशत तक रेट
सुरेंद्र जैन ने बताया कि गत्ता उद्योग महज 5 प्रतिशत मार्जिन पर काम करता है जबकि पेपर मिल्स ने मनमानी करते हुए लगभग 20 प्रतिशत तक रेट बढ़ा दिए हैं जिससे काम करना दुश्वार हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को पेपर मिलों की धक्केशाही पर रोक लगाने के लिए कारगर कदम उठाने के साथ-साथ नई पेपर मिलों को स्थापित करने की संभावनाएं तलाश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि पेपर मिलों ने अपनी दादागिरी न छोड़ी तो उद्योग तालाबंदी की तरफ जा सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस मामले में दखल दे और बड़ी पेपर मिलों की मनमर्जी पर अंकुश लगाएं।


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pooja verma

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