हरियाणा ने पी.यू. में मांगी हिस्सेदारी, सर्वसम्मति से संकल्प प्रस्ताव पास

punjabkesari.in Tuesday, Aug 09, 2022 - 08:16 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल/पांडेय): हरियाणा ने एक बार फिर से चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में अपनी हिस्सेदारी लेने की हुंकार भरी है। इस संबंध में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में एक सरकारी संकल्प प्रस्ताव पास किया गया। कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के इस प्रस्ताव पर सदन ने मेज थपथपाकर सर्वसम्मति जताई। संकल्प प्रस्ताव में गीता भुक्कल ने कहा कि केंद्र सरकार ने भले ही पंजाब विश्वविद्यालय को सैंट्रल यूनिवॢसटी का दर्जा देने से इनकार कर दिया हो लेकिन हरियाणा को अब पुरानी हिस्सेदारी लेनी चाहिए। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय बनने से पहले अम्बाला, पंचकूला और यमुनानगर के कालेजों की संबद्धता पंजाब विश्वविद्यालय से थी, जिसे बाद में खत्म कर दी गई। भुक्कल ने मुख्यमंत्री से मांग की कि वह केंद्रीय गृह मंत्री व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के समक्ष यह मुद्दा रखकर अपना हिस्सा वापस लें।  
 

 

हरियाणा के छात्रों को उनका हक मिलना चाहिए : कंवर पाल 
शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय में कालेजों की संबद्धता का हिस्सा राज्य के छात्रों तथा नागरिकों के हितों की रक्षा हेतु हरियाणा को अवश्य मिलना चाहिए। 1 नवम्बर, 1973 को गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अधिनियम के पारित होने के परिणामस्वरूप हरियाणा राज्य में पंजाब विश्वविद्यालय के कार्य और संचालन को जब्त करते हुए एक अधिसूचना जारी की कि पंजाब विश्वविद्यालय के अनिरंतरता होने के समय हरियाणा के संबद्ध कालेजों की संख्या 18 जिलों में 63 कालेज थी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शुरूआत में पंजाब विश्वविद्यालय के बजट को पंजाब राज्य, हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा सांझा किया गया था। वर्तमान में विश्वविद्यालय का खर्च भारत सरकार व पंजाब सरकार द्वारा वहन किया जाता है, जिसमें भारत सरकार बजट का 92 प्रतिशत और पंजाब सरकार 8 प्रतिशत वित्त पोषण कर रही हैं। पंजाब राज्य के लगभग 168 कालेज इस विश्वविद्यालय से संबद्ध है लेकिन भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना 1 नवम्बर, 1973 के कारण हरियाणा का कोई महाविद्यालय इस विश्वविद्यालय संबद्ध नहीं हैं।
 

 

1997 की अधिसूचना में हरियाणा के प्रतिनिधियों को हटाया  
उन्होंने बताया कि बाद में 27 अक्तूबर, 1997 की अधिसूचना द्वारा फिर से गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने एक संशोधन किया, जिसमें हरियाणा सरकार की उपस्थिति पंजाब विश्वविद्यालय के विभिन्न निकायों से प्रत्याशियों को हटाया गया। भारत सरकार, पंजाब सरकार और हरियाणा सरकार के बीच वित्तीय दांव भी बदल गया। एक सिविल रिट याचिका संख्या 18745/2016 पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में लंबित है जिसमें अगली सुनवाई की तिथि 14 अक्तूबर 2022 है, जिसमें पंजाब विश्वविद्यालय में बजट का प्रावधान विचाराधीन है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री, हरियाणा ने एक अद्र्धसरकारी पत्र 31 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री को पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा के हिस्से की बहाली की प्रक्रिया शुरू करने के लिए लिखा जो गृह मंत्रालय द्वारा शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार को भेज दिया गया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा इसको आगे यू.जी.सी. को परीक्षण के लिए भेजा है। उन्होंने बताया कि पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा की हिस्सेदारी मिलने पर पंचकूला, अम्बाला और यमुनानगर के 42 कालेज इससे जुड़ जाएंगे।
 

 

विधानसभा स्पीकर भी लिख चुके हैं पत्र 
शिक्षा मंत्री ने बताया कि हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष भी उप-राष्ट्रपति व केंद्रीय गृह मंत्री को अद्र्धसरकारी पत्र लिख चुके हैं। मुख्यमंत्री, हरियाणा ने फिर से एक अद्र्धसरकारी पत्र 8 मार्च,2022 को केंद्रीय गृह मंत्री को लिखा कि पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा के हिस्से की बहाली बारे अधिसूचना गृह मंत्रालय द्वारा जारी की जानी है।
 

 

केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष रख चुका हैं मुद्दा : मनोहर लाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में हरियाणा की हिस्सेदारी को लेकर गत दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई नॉर्थ जोनल काऊंसिल की बैठक में उनके समक्ष यह विषय रखा गया था। गृह मंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में वह केंद्र सरकार के समक्ष जोरदार पैरवी कर मांग उठाएंगे।
 
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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