‘सुखना कैचमैंट एरिया में फिलहाल न तोड़े जाएंगे, न होंगे नए निर्माण’

punjabkesari.in Friday, Dec 18, 2020 - 10:34 PM (IST)

चंडीगढ़, (रमेश हांडा) : सुखना लेक के अस्तित्व को बनाए  रखने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के डिवीजन बैंच के 2 मार्च को जारी आदेशों की रिवीजन पटीशन पर सुनवाई करते हुए डिवीजन बैंच ने अंतरिम रोक लगा दी है और सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। बैंच ने सुखना के आसपास कैचमैंट एरिया यानी 1085 मीटर के दायरे में बने सभी निर्माण 90 दिन के भीतर हटाने के आदेश दिए थे, जिसमें कांसल  नयागांव व पंचकूला के कैचमैंट एरिया में हुए निर्माण शामिल हैं।

 


कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि स्टे के बाद कैचमैंट एरिया में कोई नया निर्माण नहीं होगा, जिसके लिए हरियाणा व पंजाब को अंडरटेकिंग देनी होगी। फिलहाल न तो सुखना कैचमैंट एरिया में न तो निर्माण तोड़े जाएंगे और न ही नए होंगे।

स्ट्रक्चर्स में रैनोवेशन बिना कोर्ट की इजाजत के नहीं 
2 मार्च, 2020 के आदेशों में पंजाब सरकार की ओर से मास्टर प्लान में  कैचमैंट एरिया में दो आर जोन शामिल किए जाने, अवैध निर्माणों को बनने देने और कोर्ट के आदेशों पर अमल न करने पर कोर्ट ने सख्त संज्ञान लेते हुए पंजाब व हरियाणा सरकार को 100 -100 करोड़ रुपए जुर्माना भी लगाया था। जुर्माना राशि से सुखना कैचमैंट एरिया को रीस्टोर किया जाना था और सुखना के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने की बात कही गई थी। उक्त कार्य को एक वर्ष के भीतर अमल में लाने को कहा गया था। जुर्माने की राशि वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को देनी थी।


हाईपावर कमेटी ने देनी थी अवैध निर्माणों की सूची, 3 माह के भीतर सभी अवैध निर्माणों को हटाना था
बैंच ने अपने आदेशों में पंजाब-हरियाणा व चंडीगढ़ के उन अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई को कहा था, जिन्होंने सुखना कैचमैंट एरिया में निर्माणों की अनुमति दी थी, जिनकी मिलीभगत के चलते कैचमैंट एरिया में अवैध निर्माणों की मंजूरी दी गई।

इसके लिए हाईकोर्ट ने स्पैशल इन्वैस्टिगेशन टीम के गठन की बात कही थी। आदेशों में कहा गया था कि 2011 के बाद हुए अवैध निर्माणों को गिराने पर किसी को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा, जबकि 2011 से पहले कैचमैंट एरिया में हुए निर्माणों को गिराने की एवज में उन्हें किसी दूसरी  जगह विकल्प के रूप में जमीन दी जाएगी और 25 लाख प्रति निर्माण मुआवजा दिया जाएगा।
सभी निर्माणों को 90 दिन के भीतर गिराने के आदेश दिए गए थे। 2011 से पहले हुए निर्माणों को गिराने की एवज में दिए जाने वाला मुआवजा सरकार को ही देना था। चंडीगढ़ के एडवाइजर और पंजाब हरियाणा के मुख्य सचिवों को एक हाईपावर कमेटी बनानी थी, जिसमें वरिष्ठ सचिव स्तर के अधिकारी शामिल किए जाने थे जिन्होंने 4 सप्ताह के भीतर सुखना कैचमैंट एरिया में हुए निर्माणों की सूची तैयार करके देनी थी, जिसके बाद उस पर अमल करते हुए 3 माह के भीतर सभी निर्माणों को हटाया जाना था। 


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ashwani

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