पंजाब की सीमा से सटी हरियाणा की जेलों में नशेड़ी कैदियों की है बड़ी संख्या

punjabkesari.in Monday, May 16, 2022 - 08:41 PM (IST)

 चंडीगढ़, (अर्चना सेठी): पंजाब की सीमा को छूने वाली हरियाणा की जेलों में नशे की लत के आदी कैदियों की बड़ी संख्या है। सिरसा, करनाल, हिसार की दोनों जेलें, कुरुक्षेत्र, अंबाला के अलावा पानीपत, जींद में भी नशे की लत के आदि बहुत से कैदी हैं। कुछ जेलों में तो पचास फीसदी कैदी नशेड़ी हैं जबकि कुछ ऐसी जेलें भी हैं जहां ऐसे कैदियों की संख्या पचास फीसदी आंकड़े को भी पार कर गई है। यह खुलासा हरियाणा मानव अधिकार आयोग द्बारा प्रदेश की सभी जेलों में किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट कहती है। रिपोर्ट कहती है कि ऐसी जेलें जहां नशे के आदी कैदी रखे गए हैं, वहां के कैदियों को नशे से सेहत को होने वाले नुक्सान के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। ऐसे कैदियों को नशे की लत से दूर करने के लिए जेलों में नशा मुक्ति केंद्र खोलने की जरूरत की सिफारिश की है। आयोग द्बारा पिछले दो सालों से हरियाणा की जेलों का निरीक्षण किया जा रहा है ताकि कैदियों की जेलों में स्थिति का सही पता चल सके और कैदियों के मानवाधिकारों की सुरक्षा की जा सके। 

 


सिरसा जेल की दीवार ऊंची करने की जरूरत 
हरियाणा मानव अधिकार आयोग द्बारा सिरसा जेल में किए गए निरीक्षण के दौरान पाया कि जेल में बहुत से नशेड़ी कैदी बंदी हैं। कैदियों को नशे से दूर करने के लिए उन्हें नशे के खिलाफ जागरूक करना बहुत जरूरी है। आयोग ने जेल परिसर में नशामुक्ति केंद्र की शुरूआत की सिफारिश करते हुए कहा है कि केंद्र में साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति करना भी अनिवार्य है। जेल विभाग इसके लिए चाहे तो प्रदेश की यूनिवर्सिटी से काऊंसलर्स या जिले के संबंधित शिक्षण संस्थान से साइकोलॉजी के स्टूडैंट्स को बुलाकर कैदियों की काऊंसलिंग करवा सकते हैं। आयोग ने सिरसा की चौधरी देवी लाल यूनिवर्सिटी और जन नायक चौधरी देवी लाल विद्यापीठ से इस मामले में मदद लेने को कहा है। सिरसा जेल को आयोग ने जेल की दीवार ऊंची करने के निर्देश भी दिए हैं ताकि बाहर से जेल की दीवार के अंदर कोई गैरकानूनी चीज फैंक कर अंदर ना भेज सके। 

 


जेल में स्थाई तौर पर की जाए साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति 
कुुरक्षेत्र जेल के निरीक्षण के बाद भी आयोग ने कैदियों तो नशामुक्ति के खिलाफ जागरूक करने की सिफारिश की है। आयोग ने कहा है कि जेल विभाग कैदियों की जागरूकता के लिए संबंधित विभागों से विचार करे। यह भी कहा है कि जेल में एक स्थाई साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति की जानी चाहिए जो कैदियों की सोच में नशे के खिलाफ साकारात्मक बदलाव ला सके। पानीपत जेल के लिए भी आयोग ने परिसर में नशामुक्ति केंद्र शुरु करने की सिफारिश की है। जींद जेल के लिए भी आयोग ने जेल में साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति को आवश्यक कहा है। हरियाणा मानव अधिकार आयोग के सदस्य दीप भाटिया का कहना है कि जहां कैदियों की संख्या पचास फीसदी या उससे भी अधिक है, वहां जेल विभाग नशामुक्ति केंद्र खोलने की व्यवस्था करे। केंद्र में कैदियों की ऐसी दवाएं मिलेंगी जिससे वह खुद को नशे से दूर कर पाएंगे। 
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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