मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता एवं अनुदान (चिराग) योजना शुरू

punjabkesari.in Wednesday, Jul 20, 2022 - 07:59 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा में गरीब विद्याॢथयों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए मौजूदा सत्र से कक्षा दूसरी से 12वीं तक के विद्याॢथयों को मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में पढऩे का समान अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से प्रदेश में मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता एवं अनुदान (चिराग) महत्वाकांक्षी योजना शुरू की गई है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के इस बार के बजट (2022-23) में 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र पर खर्च किए जा रहे हैं। इसी के तहत प्रदेश सरकार सभी बच्चों को समान शिक्षा का अधिकार देने के लिए नई-नई योजनाएं व कार्यक्रम शुरू कर रही है। (चिराग) योजना भी प्रदेश के गरीब अभिभावकों के बच्चों के लिए शुरू की गई ऐसी ही योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत निजी विद्यालयों की सहमति से ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता/अभिभावकों की वाॢषक सत्यापित आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है और वे बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं, उनके दाखिले इन निजी विद्यालयों में कक्षा दूसरी से 12वीं तक किए जाएंगे। 

 


-9वीं से 12वीं तक प्रति छात्र 1100 रुपए प्रति माह दिए जाएंगे प्राइवेट विद्यालयों को
मुख्यमंत्री ने बताया कि (चिराग) योजना के तहत कक्षा दूसरी से 5वीं तक प्रति छात्र 700 रुपए, कक्षा छठी से 8वीं तक प्रति छात्र 900 रुपए एवं कक्षा 9वीं से 12वीं तक प्रति छात्र 1100 रुपए प्रति माह की दर से प्रतिपूॢत राशि या फार्म 6 में घोषित शुल्क राशि, जो भी कम होगी वह विद्यालयों को अदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश के 381 निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों द्वारा 24,987 सीटों पर छात्रों को दाखिले देने की प्रक्रिया जारी है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के सैक्शन 12 (1) (सी) को पूर्णत: लागू करते हुए सभी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में कक्षा पहली या इससे पूर्व की कक्षाओं में 25 प्रतिशत सीटों पर कमजोर वर्ग से संबंधित विद्याॢथयों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान अलग से किया गया है। 
 

 

सरकारी विद्यालयों में कक्षा पहली से 12वीं तक कोई फीस नहीं ली जाती
मनोहर लाल ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी सरकारी विद्यालयों में कक्षा पहली से 12वीं तक कोई फीस नहीं ली जाती। गौरतलब है कि कक्षा पहली से 8वीं तक वर्दी, पाठ्य-पुस्तकें, कार्य पुस्तकें, स्टेशनरी, स्कूल बैग एवं दोपहर का भोजन नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। अंग्रेजी माध्यम के बैग फ्री संस्कृति मॉडल विद्यालयों में ऐसे सभी विद्याॢथयों जिनके जिनके माता-पिता/अभिभावकों की वाॢषक सत्यापित आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है उनके लिए भी नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था है। 1 लाख 80 हजार रुपए से ऊपर की सालाना आमदन वाले परिवारों के बच्चों से नाममात्र मासिक अंशदान लिया जाता है।
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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