पी.जी.आई. की टीम की रिपोर्ट पर दवा कंपनी का लाइसैंस सस्पैंड

punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2020 - 02:03 PM (IST)

बी.बी.एन./शिमला (शेर सिंह/कुलदीप) : राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण हिमाचल प्रदेश ने खांसी की दवाई बनाने वाली कालाअंब (सिरमौर) की दवा इकाई का लाइसैंस निलंबित करके कंपनी में निर्मित होने वाली सभी दवाइयों के उत्पादन पर रोक लगा दी है और कंपनी का कुछ रिकार्ड भी सील कर दिया है, साथ ही सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। 

 

कंपनी प्रबंधन द्वारा पूरा रिकार्ड न प्रस्तुत करने पर राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने कंपनी के सारे उत्पादन पर रोक लगा दी है। इसी तरह मध्य प्रदेश में भी इस दवाई की सेल व सप्लाई पर रोक लगा दी है, जिसके बारे में नियंत्रक फूड एंड ड्रग एडमिनिस्टे्रशन मध्य प्रदेश ने आदेश जारी कर दिए हैं। 

 

राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाहा ने बताया कि कंपनी का लाइसैंस निलंबित करके कंपनी के सारे उत्पादों पर रोक लगा दी है और कुछ रिकार्ड को कब्जे में ले लिया है और दवा के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि इस दवाई से किसी को नुक्सान हुआ है या नहीं। उन्होंने बताया कि कंपनी प्रबंधन ने सारा रिकार्ड नहीं दिखाया, जिस पर सारे उत्पादन पर रोक लगा दी है।

 


राज्य सरकार ने रिकार्ड किया तलब
राज्य सरकार ने कंपनी का रिकार्ड तलब किया है। इस कंपनी की दवा में खतरनाक कैमिकल के पाए जाने का दावा किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान ने  संपर्क करने पर बताया कि कालाअंब की दवा उत्पादक कंपनी को सील करने  के बाद यहां पर दवाइयों के उत्पादन को रोक दिया गया है। जब तक इस मामले की पूरी पड़ताल नहीं हो जाती, तब तक यहां पर दवाइयों का उत्पादन नहीं होगा।

 

बच्चों की मौत के बाद चल रही थी जांच 
गौरतलब है कि उधमपुर (जम्मू) के रामनगर ब्लॉक के लगभग 40 किलोमीटर एरिया में एक रहस्यमयी बीमारी की वजह से 10  छोटे बच्चों की मौत और 7 बच्चों के बीमार होने का मामला  सामने आया था। इस घटना के बाद पूरे जम्मू क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए जम्मू स्टेट ड्रग कंट्रोलर व फूड कंट्रोलर ऑर्गेनाइजेशन द्वारा रामनगर में टीमें भेजकर जांच शुरू की गई थी। 

 

यहां जब टीम को यह पता चला  कि इस रहस्यमयी बीमारी की वजह से पहले ही 4 बच्चों की मौत  हो चुकी है, तब उन्होंने स्थानीय अस्पतालों में जाकर भी पड़ताल की और उन्हें यह भी जानकारी मिली कि क्षेत्र के 6 बच्चों का इलाज लुधियाना और जम्मू के अस्पतालों में चल रहा है। इसके बाद वहां पर बच्चों के घरों पर जाकर दूध, पानी व दवा आदि के सैंपल भी ले लिए गए थे, जिनकी रिपोर्ट का अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ है।


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pooja verma

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