पुनर्वास फ्लैट्स को PMAY के अंडर देने की मांगी परमिशन

punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2020 - 01:37 PM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) ने पुनर्वास योजना के तहत शहर के अलग-अलग सैक्टरों और कॉलोनियों में फ्लैट्स का निर्माण करवाया है। इनमें से सिर्फ मलोया में ही अलॉटमैंट के बाद भी 2500 के करीब फ्लैट्स खाली पड़े हैं। यही कारण है कि बोर्ड ने पुनर्वास फ्लैट्स को प्रधानमंत्री आवास योजना (पी.एम.ए.वाई.) के अंदर लोगों को देने की परमिशन मांगी है। 

बोर्ड ने मिनिस्ट्री ऑफ हाऊसिंग एंड अर्बन अफेयर्स सैके्रटरी के समक्ष ये मुद्दा उठाया है। बोर्ड को मिनिस्ट्री से इस संबंधित पॉजिटव रिस्पांस की उम्मीद है। बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पुनर्वास योजना केतहत मलोया में पांच हजार के करीब फ्लैट्स का निर्माण करवाया है। 

इनमें 2500 के करीब लोगों को यहां फ्लैट्स की अलॉटमैंट की जा चुकी है, जबकि इतने ही फ्लैट्स यहां खाली पड़े हैं। यही कारण है कि उन्होंने बाकी बचे पुनर्वास फ्लैट्स को पी.एम.ए.वाई. के अंदर लोगों को देने की परमिशन मांगी है। उन्होंने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ हाऊसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के सैके्रटरी दुर्गा शंकर मिश्रा की शहर में विजिट के दौरान उन्होंने ये मामला उठाया है।

कंस्ट्रक्शन कॉस्ट पर भी दिए जा सकते हैं :
सी.एच.बी. ने कॉलोनी नंबर 4 के योग्य लोगों को फ्लैट्स की अलॉटमैंट कर दी है, अभी कॉलोनी में ऐसे लोग हैं, जिन्हें योग्य न होने के चलते बोर्ड अलॉटमैंट करने में असमर्थ है। 

इसी के चलते बोर्ड ने मलोया के पुनर्वास फ्लैट्स को पी.एम.ए.वाई. के अंदर ट्रांसफर करने की मांग की है, ताकि कंस्ट्रक्शन कॉस्ट पर बचे कॉलोनी के लोगों को ये फ्लैट्स दिए जा सकें। 

सर्वे में शामिल लोगों को दिए जा सकते हैं फ्लैट्स :
सी.एच.बी. ने अफोर्डेबल हाउसेज देने के लिए ये प्रधानमंत्री आवास योजना प्रोजैक्ट पर काम शुरू किया था, जिसमें 9 हजार के करीब लोग सामने आए थे। इसमें इकोनॉमिकली वीकर सैक्शन, लोअर इंकम ग्रुप व मीडियम इंकम ग्रुप का डिमांड सर्वे किया था। इसके बाद ही योजना के तहत इच्छुक लोगों से आवेदन मांगे गए थे। 

बोर्ड ने इसके बाद ही अफोर्डेबल हाऊसिंग प्रोजैक्ट की लिस्ट में योग्य पाए गए लोगों के लिए मकान बनाने का फैसला लिया था। इसी की केंद्र से अप्रूवल भी मांगी गई थी। बोर्ड ने अधिग्रहण दर पर ही उन्हें इसके लिए जमीन मांगी है, जो 3.1 करोड़ रुपए प्रति एकड़ है, जबकि मार्कीट रेट्स 30 करोड़ रुपए प्रति एकड़ है। यही कारण है कि बोर्ड पुनर्वास फ्लैट्स को इस स्कीम में शामिल करना चाहता है, लेकिन अप्रूवल के बाद इन फ्लैट्स का लाभ बचे कॉलोनीवासियों या पी.एम.ए.वाई. स्कीम में योग्य पाए गए लोगों को मिलेगा, इस संबंधित तो केंद्र ही फैसला लेगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Priyanka rana

Recommended News

Related News