एडवाइजर ने सैक्टर-35 स्थित आई.एम.ए. कॉम्पलैक्स में मिनी कोविड केयर सैंटर का किया उद्घाटन

punjabkesari.in Tuesday, Jan 18, 2022 - 01:29 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा) : प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने सोमवार को सैक्टर-35 स्थित आई.एम.ए. कॉम्पलैक्स में मिनी कोविड केयर सैंटर का उद्घाटन किया। सैंटर को श्री गुरु ग्रंथ साहिब सेवा सोसायटी ने आई.एम.ए. के साथ मिलकर तैयार किया है, जिसमें 45 बैड्स की सुविधा है। सोसायटी के एच.एस. सभ्रवाल ने बताया कि सभी बैड्स पर ऑक्सीजन की व्यवस्था है और कोरोना संक्रमितों का ध्यान रखने के लिए योग्य चिकित्सा और पैरा-मैडियल स्टाफ  तैनात किया गया है। 
उन्होंने बताया कि मिनी कोविड केयर सैंटर के बाहर हर समय एक बाइक एंबुलैंस तैनात रहेगी, ताकि आपात की स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके। इसके अलावा मरीजों के लिए संगीत, योग और पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है। सलाहकार धर्मपाल ने संस्था के इस योगदान के लिए सराहना की और कहा कि मिशन ने एक अन्य कोविड केयर सैंटर भी स्थापित किया है, जबकि दूसरी लहर के दौरान भी उन्होंने सफलतापूवर्क कोविड सैंटर चलाया। 

 

 

संस्थाएं कोविड सैंटर स्थापित करने के लिए आगे आएं
अधिकारियों ने कहा कि शहर में संक्रमण खतरनाक गति से फैल रहा है और यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार केस अप्रैल, मई 2021 में दूसरी लहर के दौरान संक्रमित व्यक्तियों की संख्या से भी कई गुना अधिक होंगे। इस वजह से प्रशासन ने मिनी कोविड केयर केंद्र स्थापित करने का आह्वान किया है। इच्छुक कोई भी व्यक्ति, संघ, स्वैच्छिक संगठन, गैर-सरकारी संगठन, धार्मिक संगठन, कॉर्पोरेट, फर्म या ट्रस्ट स्वेच्छा से कोविड पॉजिटिव मरीजों के लिए एक मिनी कोविड केयर केंद्र स्थापित करने के लिए आगे आ सकता है। 

 


‘कोरोना पॉजिटिव मरीजों के साथ आराम से करें बात’
प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने सोमवार को जी.एम.एस.एच.-16 में चल रहे कोविड कंट्रोल रूम का दौरा किया। इस दौरान  उन्होंने वहां तैनात डॉक्टरों और स्टाफ से भी बात की।सलाहकार ने स्टाफ से जाना कि उनके पास इंक्वायरी के लिए किस तरह की कॉल्स आ रही हैं। उन्होंने स्टाफ को निर्देश दिए कि कोरोजा मरीजों के साथ आराम से बात करें। यह प्रयास किया जाना चाहिए कि कंट्रोल रूम से ही उनकी सभी इंक्वायरी का जवाब और समस्या का समाधान किया जाना चाहिए।
सलाहकार ने एक मरीज का भी हाल भी जाना, क्योंकि इसी दौरान कंट्रोल रूम में एक डॉक्टर वीडियो कॉल के जरिए मरीज से बात कर रही थी। सलाहकार ने रैपिड रिस्पांस टीम के ऑफिस को चैक किया और उनके कामकाज का जायजा भी लिया। उन्होंने कंट्रोल रूम स्थापित करने के लिए विभाग की सराहना की और कहा कि कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य से संबंधित सभी मसलों का हल करने के लिए ये हब की तरह काम करना चाहिए। सलाहकार ने ऑनलाइन मॉडयूल के जरिए चल रही ओ.पी.डी. सर्विसेज का भी जायजा लिया। अब मरीजों को ओ.पी.डी. के लिए अस्पताल आने की जरूरत नहीं बल्कि ई-संजीवनी मॉडयूल के जरिए सुविधा का लाभ ले सकते हैं। इसके अलावा डिस्पैंसरी के डॉक्टर इलाज के लिए आने वाले मरीजों के ईलाज के लिए जी.एम.सी.एच.-32 और जी.एम.एस.एच.-16 के डॉक्टरों से भी विचार-विमर्श कर सकते हैं। सलाहकार ने कहा कि मरीजों को ई-संजीवनी मॉडयूल बारे जानकारी दी जानी चाहिए ताकि लोगों को घर बैठे ही बेहतर इलाज मिल सके।

 


ओमिक्रॉन बहुत ही माइल्ड है, इससे घबराएं नहीं : डॉ. रवि गोडसे
भारत में अगर किसी को गले में खराश, जुखाम, खांसी और बुखार हो तो ओमिक्रॉन होने का ही अंदेशा है, लेकिन इससे घबराएं नहीं। ओमिक्रॉन बेहद माइल्ड है और इसका आसानी से सामना करें। ये कहना है इंटर्नल मैडीसिन के विश्व प्रसिद्ध एक्सपर्ट और पिट्सबर्ग, यू.एस.ए. बेस्ड डॉ.रवि गोडसे का। सोमवार को डॉ. गोडसे ने चंडीगढ़ के डॉ. एच.के. खरबंदा के साथ ओमिक्रॉन के लक्षण और इसके प्रभाव पर चर्चा की। डॉ.गोडसे ने सलाह दी कि जैनेटिक एनालिसिस न करें, यदि आपमें लक्षण नहीं है या फिर रिस्क फैक्टर नहीं है तो बिना टैस्टिंग के इलाज कर कर सकते हैं। आर.टी.पी.सी.आर. भी वही है, वैक्सीन भी वही है और बूस्टर भी वही है। डॉ. खरबंदा ने उनसे पूछा कि आजकल सबके मन में है कि अगर कोई कोरोना पॉजीटिव है तो वह डेल्टा है या ओमिक्रॉन है। इस पर डॉ.गोडसे ने जवाब दिया कि ये सोच के क्या करेंगे, आज के समय में सब ओमिक्रॉन ही है व ओमिक्रॉन बहुत ही माइल्ड ही है। इसमें कुछ करने की जरूरत नहीं है यदि आपने वैक्सीन के दो डोज लिए हैं और आपको पहले डेल्टा भी हुआ था तो इस बार अस्पताल जाने की जरूरत 81 परसैंट कम पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस बार सिर्फ हाई रिस्क लोगों को ही अस्पताल जाने की जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि ओमिक्रॉन मामूली है। आज के समय में किसी खास इलाज की आवश्यकता नहीं है। यदि आज के समय में आपको लक्षण हैं तो टैस्ट पॉजिटिव आएगा ही लेकिन कुछ भी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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