राष्ट्रीय राजमार्ग-152डी हरियाणा में विकास की लिखेगा नई इबारत : दुष्यंत चौटाला

punjabkesari.in Saturday, Jul 30, 2022 - 08:58 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि अम्बाला से नारनौल तक बने नवनिर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 152डी को आमजन के लिए आज से खोल दिया गया है ताकि इसका परीक्षण किया जा सके। यह राष्ट्रीय राजमार्ग प्रदेश में विकास की एक नई इबारत लिखेगा। 
डिप्टी सी.एम. बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-152डी परियोजना अम्बाला से जयपुर तक की यात्रा के समय को 4 से 5 घंटे तक कम कर देगी। इससे एन.सी.आर. के ट्रैफिक का मेजर डायवर्जन होगा, जिसके कारण प्रदूषण की समस्या से भी निजात मिलेगी। साथ ही, यह जयपुर हाईवे पर अम्बाला से कोटपुतली तक सबसे छोटा, सबसे तेज और सुरक्षित मार्ग प्रदान करेगा और पूरे हरियाणा राज्य के चौतरफा औद्योगिक विकास और आॢथक विकास की गति को तेज करेगा।

 


दुष्यंत चौटाला ने बताया कि भारतमाला परियोजना के तहत निर्मित यह राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 152डी 6-लेन एक्सैस कंट्रोल्स ग्रीनफील्ड कारीडोर है जो कि कुरुक्षेत्र जिले के इस्माईलाबाद (गंगहेड़ी) से नारनौल तक कुल लगभग 227 किलोमीटर लंबा है। यह राजमार्ग अम्बाला-कोटपुतली कारीडोर का भाग है, जो कि हरियाणा के 8 विभिन्न जिलों कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ के लगभग 112 विभिन्न गांवों से होकर गुजरता है और यह आगे नारनौल बाईपास और फिर एन.एच.-148बी से जुड़ा है जो कोटपुतली के पास पनियाला मोड पर दिल्ली जयपुर राजमार्ग से मिलता है। उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पूरा कारीडोर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमैंट सिस्टम और क्लोज टोङ्क्षलग सिस्टम से परिपूर्ण है। इसमें प्रवेश एवं निकासी के लिए कुल 16 विभिन्न स्थानों पर इंटरचेंज का निर्माण किया गया है तथा हाईवे पर होने वाली हर घटना पर कंट्रोल सैंटर के द्वारा ए.टी.एम.एस. के माध्यम से पूर्ण निगरानी रखी जाएगी। 
 

 

-परियोजना में 6 जगहों पर विश्वस्तरीय वे साईड एमेनिटीज का भी निर्माण किया गया
यही नहीं लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस महत्वाकांक्षी परियोजना में 6 जगहों पर विश्वस्तरीय वे-साईड एमेनिटीज का भी निर्माण किया गया है, जहां पर लोगों के लिए टॉयलेट फेसिलिटी, ट्रामा सैंटर, पैट्रोल पम्प, कायोस्क रैस्टोरैंट, ढाबा, चिल्ड्रेन पार्क, ट्रक एवं ट्रेलर पार्किंग इत्यादि की समुचित व्यवस्था की गई है। साथ ही, परियोजना में 16 स्थानों पर इंटरचेंज, 2 मुख्य टोल प्लाजाओं एवं 8 आर.ओ.बी. का भी प्रावधान किया गया है। इस परियोजना में लगभग 2,000 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिस पर लगभग 3000 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों को वितरित किया गया है तथा इसके सिविल निर्माण कार्य पर लगभग 6,000 करोड़ रुपए की लागत आई है।
 

 

-राजमार्ग हाईस्पीड एक्सिस कंट्रोल्ड के रूप में विकसित किया गया है
डिप्टी सी.एम. ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग को प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र को नए आयाम देने वाला बताया और कहा कि अभी तक जो निवेशक अपने उद्योग एन.सी.आर. आदि क्षेत्र में लगाने को वरीयता देते थे, वे अब इस राष्ट्रीय राजमार्ग में पडऩे वाले जिलों में भी उद्योग लगाने को उत्सुक होंगे। उन्होंने कहा कि यह राजमार्ग हाईस्पीड एक्सिस कंट्रोल्ड के रूप में विकसित किया गया है। जिसमें धीमी गति वाले वाहनों यथा मोटरसाइकिल एवं अन्य दोपहिया वाहनों, तिपहिया वाहनों, गैर-मोटर चलित वाहनों ट्रेलर के साथ या ट्रेलर के बिना ट्रैक्टर बहुधुरीय हाइड्रोलिक ट्रेलर वाहनों क्वाड्री साईकिल इत्यादि वॢजत किए गए हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Ajay Chandigarh

Recommended News

Related News