6 करोड़ ठगी का मामला: रामलाल रिमांड पर

punjabkesari.in Sunday, Jan 09, 2022 - 04:25 PM (IST)

चंडीगढ़, (सुशील राज)। पंचकूला के पूर्व जिला राजस्व अधिकारी से छह करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ के लिए डिस्ट्रिक्ट क्राइम सैल ने बुड़ैल जेल में बंद फाइनैंसर रामलाल चौधरी का प्रोडक्शन वारंट अदालत से हासिल किया है। सैल की मांग पर अदालत ने फाइनैंसर रामलाल को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। सैल फाइनेंसर से छह करोड़ रुपए की ठगी मामले में पूछताछ करेगी और रकम बरामद करेगी। 

 


पंचकूला निवासी नरेश कुमार ने बताया था कि फरवरी, 2015 में विजीलैंस हरियाणा को 250 करोड़ रुपए के गबन की शिकायत मिली थी, जिसमें जिला क्षेत्रीय दफ्तर के सरकारी खाते से गबन की बात कही गई थी। उस समय वह जिला क्षेत्रीय अधिकारी के पद पर तैनात थे। विजीलैंस ने जांच में पाया कि 250 करोड़ का गबन हुआ है। इसके बाद नरेश कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया गया। बाद में विजीलैंस ने नरेश कुमार का नाम भी एफ.आई.आर. में दर्ज करने को कहा था।
नरेश कुमार ने बताया कि उसकी तैनाती हरियाणा में अलग-अलग जगह पर नायब तहसीलदार, तहसीलदार और जिला राजस्व अधिकारी के तौर थी।

 

 

इसी दौरान उसकी मुलाकात रेवाड़ी में वकील सतीश यादव से हुई थी। मामले में फंसने के बाद सतीश से बात की तो उसने कहा कि उसके दोस्त भूप सिंह का चंडीगढ़ में किसी रामलाल चौधरी के साथ लिंक था। जिसके नेताओं और पुलिस अधिकारियों के साथ अच्छे संबंध हैं। वर्ष 2015 मई में नरेश अपने दोस्त सतीश यादव के साथ पहले भूप सिंह से मिला था। उसने रामलाल से फोन पर पूरी बात बताई। इसके ठीक 10 दिन बाद उन्हें अपने चंडीगढ़ के सैक्टर-46 ए के मकान नंबर के-403 में बुलाया। रामलाल ने उन्हें कहा था कि उसकी अधिकारियों से बात हो गई है। इस केस से बाहर निकालने के लिए छह करोड़ रुपए लगेंगे। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने रामलाल को छह करोड़ रुपए देने के लिए गुरुग्राम स्थित गांव सैनी खेड़ा में दो कनाल का एक प्लॉट बेचा, जो उसकी मां सावित्री देवी के नाम था।  नरेश ने पहली किस्त के तौर पर तीन करोड़ रुपए दिए, जो भूप सिंह और सतीश की मौजूदगी में दिए गए।

 

 

तीन करोड़ देने के बाद भी एफ.आई.आर. में नाम !
नरेश ने शिकायत में बताया कि रामलाल चौधरी को पहली किस्त के तौर पर तीन करोड़ देने के बावजूद विजीलैंस ने उसका नाम एफ.आई.आर. में दर्ज कर लिया। इसके बाद नरेश फिर रामलाल से मिला। रामलाल ने विश्वास में लेकर उसका नाम एफ.आई.आर. से हटवाने के लिए तीन करोड़ रुपए और मांगे। इस दौरान नरेश ने गुरुग्राम स्थित डी.एल.एफ. 2 में 215 स्क्वायर यार्ड का प्लॉट बेचा, जो उसकी पत्नी के नाम पर था। रुपए लेने के बाद रामलाल ने उससे कहा कि उसका काम हो जाएगा, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी उसका काम नहीं हुआ।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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