अब नीड बेस्ड चेंज के लिए ऑनलाइन करें अप्लाई
punjabkesari.in Tuesday, Sep 10, 2019 - 09:57 AM (IST)
चंडीगढ़ (राजिंद्र) : चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने नीड बेस चेंज के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने की सुविधा शुरू कर दी है। साथ ही नए सिस्टम के साथ पैनल्टी स्कीम के अंडर भी अलॉटी ऑनलाइन ही पेमैंट कर सकेंगे। सोमवार को बोर्ड ने अपनी वैबसाइट पर नीड बेस्ड चेंज को लेकर कॉलम को अपडेट कर दिया, जिस पर जाकर अब अलॉटी घर बैठे ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
इससे उन्हें अब सी.एच.बी. कार्यालय के चक्कर लगाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए बोर्ड ने रजिस्टर्ड स्ट्रक्चरल इंजीनियर की लिस्ट और स्टेबिलिटी प्रोफार्मा को ऑनलाइन कर दिया है।
अप्लाई करना हुआ आसान
बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर यशपाल गर्ग ने बताया कि ऑनलाइन होने से अब अलॉटियों को अप्लाई करना आसान हो जाएगा। इसके अंदर मौजूदा वायलेशन को शामिल किया है, जिसकी 15 फरवरी 2019 के आदेशों के तहत परमिशन दी गई थी। इसके अलावा इसमें फ्रैश एडिशनल कंस्ट्रक्शन की भी अनुमति दी गई है।
वहीं एनुअल पैनल्टी चार्जेस की भी ऑनलाइन पेमैंट करने की इसमें सुविधा है। बोर्ड ने मकानों में एडिशनल कंस्ट्रक्शन को अस्थायी राहत 31 दिसम्बर 2020 तक के लिए दी है, लेकिन ये स्कीम उन केसों में लागू नहीं होती है, जिसमें पहले ही बोर्ड अलॉटमैंट कैंसिल करने के नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
काफी समय बाद नीड बेस्ड चेंज को किया लागू
काफी समय बीत जाने के बाद पिछले वर्ष ही बोर्ड ने नीड बेस चेंज के प्रस्ताव को अप्रूवल दी थी। जिसके तहत एडिशनल कवरेज के लिए 200 प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से फीस तय की गई है। इसके अलावा प्रत्येक वायलेशन के लिए भी न्यूनतम फीस को 20 हजार रुपए तय किया गया है। हाउसिंग बोर्ड अलॉटी पिछले लंबे समय से इन बदलावों को नियमित करने की मांग कर रहे थे।
शहर में 62 हजार में से 55 हजार के करीब मकानों में कई प्रकार की वायलेशन है, जिसमें अतिरिक्त टॉयलेट्स, कमरों का निर्माण, बॉलकोनी को कमरों में बदलना और सरकारी भूमि पर सीढिय़ों का निर्माण करना आदि वायलेशन शामिल हैं।
बिना परमिशन फ्रैश कंस्ट्रक्शन की नहीं अनुमति
इस प्रोजैक्ट के अंदर बिना परमिशन फ्रैश कंस्ट्रक्शन की अनुमति नहीं है। ऐसे निर्माण को रोकने के लिए इंफोर्समेंट टीम की तरफ से ऑन द स्पॉट चालान जारी किया जाता है। अगर तीन दिन के अंदर ऐसे निर्माण को नहीं रोका जाता और खुद ही अलॉटी दोबारा नहीं हटाया जाता तो ऐसे में बोर्ड की टीम की तरफ से निर्माण गिराने के लिए कार्रवाई की जाती है। इसका पूरा खर्चा भी अलॉटी से वसूला जाता है।
एनुअल चार्जेस प्रति स्क्वेयर फुट
कैटेगरी 30 सितम्बर 2019 तक पेमैंट 30 सितम्बर 2019 के बाद पेमैंट
ई.डब्ल्यू.एस. 50 रुपए 75 रुपए
एल.आई.जी. 60 रुपए 90 रुपए
एम.आई.जी. 80 रुपए 120 रुपए
एच.आई.जी. 90 135