NH-44 पर एक्सीडैंट रोकने को हरियाणा पुलिस उठाएगी विशेष कदम

punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2020 - 12:28 PM (IST)

चंडीगढ़(बंसल) : हरियाणा में सड़क सुरक्षा सप्ताह के उपलक्ष्य में पुलिस महानिदेशक हरियाणा मनोज यादव ने कुंडली (सोनीपत) से शंभू बॉर्डर (अम्बाला) तक राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के 187 किलोमीटर हिस्से में रोड एक्सीडैंट्स को कम करने के लिए बड़ी पहल की है। डी.जी.पी. ने कहा कि एन.एच.-44 को सुरक्षा के दृष्टिकोण से विश्व स्तर का राजमार्ग बनाना है, ताकि यह पूरे देश के लिए एक आदर्श बन सके। 

इससे अम्बाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और सोनीपत सहित पांच जिलों से गुजरने वाले एन.एच.-44 पर सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम स्तर पर लाने में सक्षम होंगे। इस उद्देश्य के साथ आज हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में डी.जी.पी. की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक, हरियाणा लोक निर्माण विभाग व परिवहन विभाग के अधिकारियों सहित सड़क सुरक्षा शिक्षा संस्थान (आई.आर.टी.ई.) फरीदाबाद के डा. रोहित बलुजा व अन्य सड़क सुरक्षा इंजीनियरों ने भागीदारी की। बैठक में अम्बाला, करनाल और रोहतक रेंज के आई.जी., एन.एच.-44 पर पडऩे वाले अम्बाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों के एस.पी. ने भी शिरकत की।

समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर :
इस पहल के तहत हरियाणा पुलिस ने आई.आर.टी.ई. के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत आई.आर.टी.ई. संस्थान हरियाणा से गुजरने वाले एन.एच.-44 के इस 187 किलोमीटर की विस्तृत सड़क सुरक्षा ऑडिट करेगा। 

साथ ही सड़क इंजीनियरिंग सुधार से संबंधित गति सीमा निर्धारण, रोड मार्किंग और रोड साइनेज सहित सभी कार्यों का बेहतर क्रियान्वयन तथा सड़क उपयोगकर्ताओं की सभी श्रेणियों का जागरूकता के माध्यम से ध्यान केंद्रित कर दुर्घटना की रोकथाम के लिए एक विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करेगा।

2018 में 743 मौतें हुईं :
आई.आर.टी.ई. के डा. रोहित बलुजा ने बताया कि एन.एच.-44 के इस हिस्से में साल 2018 में 743 मृत्यु दर्ज हुईं, जो इसे भारत में सबसे अधिक दुर्घटना वाला राजमार्ग बनाता है। 

वास्तव में एक वर्ष में इन सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या पूरे नीदरलैंड में और यहां तक कि संयुक्त अरब अमीरात में हर साल मरने वाले व्यक्तियों की संख्या से अधिक है। इन मृतकों में पैदल यात्री, साइकिल चालक और दोपहिया वाहन चालक हैं।

कैमरों का नैटवर्क किया जाएगा स्थापित :
डी.जी.पी. ने घोषणा की कि एन.एच.-44 पर स्पीड राडार, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर्स और कैमरों का एक नैटवर्क स्थापित किया जाएगा, जो खतरनाक ड्राइविंग करने वालों सहित ओवरस्पीड और असुरक्षित लेन में चलने वालों पर अंकुश लगाने के लिए एक केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष से जुड़ा होगा। 

पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण को सड़क सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू बताते हुए यादव ने कहा कि हरियाणा पुलिस अकादमी द्वारा प्रत्येक माह 50 पुलिसकर्मियों को सड़क सुरक्षा और क्रैश जांच संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। 


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Priyanka rana

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