8 अंकों का परिवार पहचान पत्र लोगों के लिए बना कारगर दस्तावेज

punjabkesari.in Tuesday, Aug 02, 2022 - 07:59 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विजन के अनुरूप गठित नया नागरिक संसाधन सूचना विभाग द्वारा 8 अंकों का परिवार पहचान पत्र प्रदेश के लोगों के लिए कारगर दस्तावेज सिद्ध हो रहा है क्योंकि जैसे ही कोई 60 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है, वैसे ही उसका नाम वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के लाभ पात्रों की सूची में शामिल हो जाता है। अब उसे न तो किसी दफतर के चक्कर काटने पड़ते हैं और न ही किसी के आगे फरियाद करने की जरूरत नहीं होती है। 
 

 

हर महीने लगभग 5 हजार नई पैंशन बन रही 
मुख्यमंत्री जहां-जहां जाते हैं, वहां पर नए लाभपात्रों को स्टेज पर बुलाकर स्वयं वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना की सूची में नाम शामिल होने का प्रमाण पत्र देते हैं और लोगों से पूछते हैं कि सरपंच, नंबरदार या किसी और के पास जाने की जरूरत तो नहीं पड़ती तो उत्तर मिलता है, नहीं जी। 60 वर्ष की आयु होते ही परिवार पहचान पत्र से अपने आप सूची में नाम शामिल हुआ है और आपके हाथों हम आज प्रमाण पत्र ले रहे हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार हर महीने लगभग 5 हजार नई पैंशन बन रही है। परिवार पहचान पत्र को आधार कार्ड से भी कारगर दस्तावेज मान रहे है लोग। ये एक ऐसा दस्तावेज सिद्ध हुआ है, जिसके माध्यम से सभी सरकारी योजनाओं/सेवाओं का लाभ पात्र व्यक्ति को मिलने लगा है। इस पोर्टल पर अब तक 70 लाख से अधिक परिवारों का पंजीकरण हो चुका है जिस राज्य की 2.76 करोड़ आबादी कवर हो जाती है इनमें से लगभग 86 प्रतिशत परिवारों का डाटा सत्यापित हो चुका है। युवाओं की शिक्षा, कौशल व बेरोजगारी का डाटा भी इस पोर्टल पर डाला गया है। 

 


28 हजार लोगों का बैंकों के माध्यम से ऋण मंजूर हुआ 
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत को सही मायने में हरियाणा ने मूर्तरूप दिया है। इसके लिए एक नई मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान परिवार योजना लागू की गई। योजना का उद्देश्य ऐसे परिवार जिनकी वाॢषक आय 1 लाख रुपए से कम है, उनकी आय 1.80 लाख करना है। इसके लिए भी परिवार पहचान पत्र के डाटा का उपयोग किया गया और लगभग 3.50 लाख परिवारों की जिनकी आय 1 लाख रुपए से कम थी उन परिवारों के लिए तीन चरणों में अंत्योदय मेलों का आयोजन किया गया। जिसमें 1.50 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया और 28 हजार लोगों का बैंकों ने स्व-रोजगार के लिए 80 हजार से 2 लाख रुपए तक का ऋण मंजूर किया जो सही मायने में अंत्योदय के मूलमंत्र को चरित्रार्थ करता है। ऐसे भी लाभपात्रों को भी मुख्यमंत्री स्वयं स्वीकृत ऋण का पत्र अपने हाथों से वितरित करते हैं और पूछते हैं कि इस पैसे का क्या करोगे तो महिलाओं में से कोई ब्यूटी पार्लर, कोई मनियारी की दुकान तो कोई रेडीमेड कपड़ों की दुकान तो कोई दूध की डेयरी खोलने की बात कहता है। 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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