हत्या या आत्महत्या, क्या है मां और दो बच्चों की मौत का राज, उलझी पुलिस

punjabkesari.in Saturday, May 20, 2017 - 08:19 AM (IST)

डेराबस्सी(गुरप्रीत) : डेराबस्सी रेलवे फ्लाईओवर के नीचे रेलवे लाइन पर एक महिला तथा उनकी अबोध बेटा, बेटी की संदिग्ध परिस्थितियों में ट्रेन की चपेट में आ जाने से मौत हो गई। जहां रेलवे पुलिस इसे हादसा मान रही है वहीं मृतक के परिजनों ने मृतका के पति पर हत्या करने का शक जताया है। इसके अलावा पुलिस इसे खुदकुशी के नजरिए से जांच कर रही है।  

 

रेलवे पुलिस चौकी लालड़ू के प्रभारी रामपाल ने बताया कि हादसा की सूचना वीरवार देर रात पुलिस को मिली। मृतका की पहचान सुखविंदर कौर (45) पत्नी मुख्त्यार सिंह निवासी मुबारिकपुर के तौर पर हुई है। उसके साथ 15 वर्षीय बेटा हिम्मत और 11 वर्षीय बेटी जसप्रीत कौर उर्फ प्रीति भी थे। पुलिस को तीनों के शव रेलवे लाइन के बीच से मिले हैं। प्राथमिक जांच में मामला ट्रेन की चपेट में आने का लग रहा है। 

 

भाई बोला—हत्या हुई :
सुखविंद्र गांव नौनी, तहसील मुलाना, जिला अंबाला की रहने वाली थी। उसके गांव के सरपंच अरुण कुमार और हरपाल समेत पंचायत को लेकर पहुंचे छोटे भाई सुच्चा सिंह ने सुखविंदर की मौत के पीछे मुख्त्यारर सिंह पर शक जताया है। शुक्रवार तड़के चार बजे उनके एक रिश्तेदार को फोन पर बताया गया कि मां और बच्चों ने ट्रेन के आगे खुदकुशी कर ली है। 

 

सुच्चा समेत पंचायत ने आरोप लगाया कि मुख्तयार शराबी है और अक्सर वह सुखविन्द्र से मारपीट भी करता था। इस बारे कई बार पंचायतें भी हो चुकी हैं परंतु मुख्त्यार नहीं सुधरा। सुच्चा के अनुसार उसकी बहन इसे लेकर काफी परेशान रहती थी। उन्होंने बताया कि सखविंदर के दादा का नौनी गांव में वीरवार को अंतिम संस्कार था। वह दोपहर बाद पति के साथ वहां से एक ऑटो में मुबारिकपुर लौट गए थे। वहां भी मुख्त्यार शराबी हालत में रहा।

 

एक्टिवा पर तीनों गए थे मजार पर माथा टेकने :
मृतका के बरामद हुए सैलफोन से नंबर मिलाने पर उसके पति के चचेरे भाई अवतार सिंह को रात दो बजे सूचित किया गया। इसके बाद शवों की शिनाख्त हुई। रेलवे पुलिस को बताया गया कि सुखविंदर और जसप्रीत हिम्मत के साथ एक्टिवा स्कूटर के पीछे बैठकर गांव से तीन किमी दूर रेलवे ओवरब्रिज के नीचे एक मजार पर माथा टेकने गए थे। मौके से कुछ दूर पर एक्टिवा स्कूटर भी बरामद कर लिया गया। 

 

सुखविंदर कौर के दो ही बच्चे थे और उसका पति पेशे से ट्रक चालक है। गांव में सुखविंदर का परिवार सुसरालिया परिवार से अलग रह रहा था। बेटी सरकारी स्कूल में 7वीं की छात्रा थी जबकि बेटा 8वीं तक पढऩे के बाद किसी दुकान पर बिजली का काम सीखने लगा था। हादसे के बाद रेलवे पुलिस के डी.एस.पी. गुरजीत सिंह, पटियाला से एस.एच.ओ. विमल कुमार भी मौके एवं मृतका के घर पर छानबीन करने पहुंचे।


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