नगर निगम ने उद्योगपतियों को भेजे प्रॉपर्टी टैस के नोटिस

punjabkesari.in Thursday, Jun 04, 2020 - 11:53 AM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंद्र शर्मा) : नगर निगम ने हाल ही में औद्योगिक क्षेत्र के अधिकतर उद्योगपतियों को प्रॉपर्टी टैक्स के नोटिस भेजे हैं। उद्योगपतियों में अधिक बिल भेजने के चलते काफी रोष है, क्योंकि निगम ने बिल को एर्यर डालकर भेजा है, जिसके चलते ये कई गुना बढ़ गया है।एक उद्योगपति को तो करीब 2 लाख रुपए बिल भेजा गया है, जिसके चलते उनका कहना है कि लॉकडाऊन के कारण उनका काम पहले ही ठप है।ऐसे में निगम इतने अधिक प्रॉपर्टी टैक्स के नोटिस भेजकर उन्हें और परेशान कर रहा है।

 

उद्योगपतियों में इस बात का रोष है कि निगम ने सिर्फ अंदाजे से ही ये बिल भेज दिए हैं।इसमें 2004 से एरियर डाल दिया गया है, जबकि अधिकतर ने पहले ही अपना टैक्स क्लीयर किया हुआ है। अधिक करदाताओं को बिल को लेकर एस.एम.एस. भेजा गया है, जबकि उन्हें इसकी हार्ड कॉपी नहीं मिली है।

 

बल देखकर दंग रह गए
एक व्यापारी ने बताया कि लॉकडाऊन के चलते पिछले दो माह से उनका काम ठप पड़ा है और अभी काम को पटरी में आने में काफी समय लग जाएगा और अब प्रॉपर्टी टैस के अधिक बिल देखकर वह दंग रह गए हैं। वह वार्षिक पेमैंट कर रहे हैं, लेकिन फिर भी बिल में एरियर शामिल कर दिया गया है।

 

निगम को खुद मैंटेन करना चाहिए रिकॉर्ड 
चैंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज के प्रधान नवीन मंगलानी ने बताया कि उद्योगपतियों को गलती ठीक करवाने के लिए निगम के कार्यालय जाना पड़ रहा है और उन्हें इसे खुद ही ठीक करवाना पड़ रहा है, जबकि निगम को खुद अपना रिकार्ड मैंटेन करना चाहिए। मंगलानी ने कहा कि टैस ने पहले ही उन पर दोहरी मार मारी है, योंकि 20 प्रतिशत वृद्धि करके पहले ही उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी गई हैं।

 

इससे पहले प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि लॉकडाऊन पीरियड के लिए प्रॉपर्टी टैस से छूट दी जाएगी, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ और उनसे ऑनलाइन पेमैंट फीस भी वसूली जा रही है, जो अन्य वर्गों के लिए वसूली नहीं जाती है। वहीं निगम के एक अधिकारी का कहना है कि उनकी इस समस्या के बारे में जानकारी है और वह इसे ठीक करने में लगे हुए हैं। जल्द ही उद्योगपतियों की इस समस्या का निपटारा किया जाएगा। 

 

10 हजार रुपए टैस, नोटिस भेजा एक लाख का
एक उद्योगपति का कहना है कि उनको एक लाख रुपए के करीब टैस का नोटिस भेजा गया है, जबकि 10 हजार रुपए के करीब उनका टैस बनता है। इसमें एरियर भी डाल दिया गया है, जबकि नियमित रूप से टैस पे करते रहते हैं। उनके पास सभी टैस की रिसिप्ट थी, जिसके चलते निगम ने अपनी गलती दूर कर ली, नहीं तो इतना टैस चुकाना उनके लिए मुश्किल हो जाता है।


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pooja verma

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