34 दिन बाद जिंदगी की जंग हारे मिल्खा सिंह

punjabkesari.in Saturday, Jun 19, 2021 - 01:13 AM (IST)

चंडीगढ़, (लल्लन): दिग्गज धावक उडऩ सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह 34 दिन बाद आखिर जिंदगी की लंबी जंग हार गए। 17 मई को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजटिव आई थी। हालत खराब होने के बाद पहले उन्हें फोर्टिस हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था, जहां कोरोना की रिपोर्ट नैगेटिव आने के बाद 31 मई को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। इसके बाद वह सैक्टर-8 स्थित अपने घर में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आराम कर रहे थे। 3 जून को उनकी तबीयत एक फिर बिगड़ गई। ऑक्सीजन लैवल गिरने के बाद उन्हें पी.जी.आई. के कोविड हॉस्पिटल में लाया गया था। यहां भी उनकी कोरोना रिपोर्ट नैगेटिव आ गई थी। इसके बावजूद उनकी सेहत में कोई खास सुधार नहीं हो पा रहा था। शुक्रवार देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। 


फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह 3 जून से पी.जी.आई. में एडमिट थे। 13 जून को कोविड नैगेटिव होने के बावजूद उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। देर रात उनका निधन हो गया। वह खेल जगत की एक बड़ी और बेहतरीन शख्सियत थे। उनकी अचीवमैंट की वजह से उन्हें फील्ड में नहीं बल्कि ऑफ फील्ड भी याद रखा जाएगा। परिवार के साथ हमारी सहानभूति है। यह परिवार के लिए एक मुश्किल वक्त है। 
डॉ. जगतराम, डायरैक्टर, पी.जी.आई.


पत्नी के कहने पर पहली बार 1961 में मनाया जन्मदिन...
मिल्खा सिंह 90 वें जन्मदिन पर उडऩ सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह ने केक काटते हुए बताया था कि  मुझे रियाटर हुए  30 साल हो गए, मैंने साल 1961 में पहली बार  पत्नी की जिद्द पर  केक काटा था, आज भी फिर काट रहा हूं यह मेरे और मेरे परिवार के लिए खुशी के पल हैं। साल दर साल इसमें नई यादें जुड़ती जाती हैं। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन पर बनी भाग मिल्खा भाग मेरे संघर्ष का पांच फीसदी भी नहीं है। मैंने बहुत गरीबी देखी है, बहुत धक्के खाएं हैं,यह फिल्म सिर्फ ट्रेलर है। मेरे संघर्ष की कहानी तो डेढ़ घंटे की फिल्म भी नहीं समेट सकती है, लेकिन खुश हूं कि अपने जीवन में मैंने सबकुछ हासिल  किया। मैंने कभी हार नहीं मानी, हर चुनौती को स्वीकार किया।  


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News Editor

ashwani

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